हरिद्वार। ज्वालापुर इंटर कॉलेज में रविवार से तीन दिवसीय पुस्तक मेले का आयोजन शुरू हो रहा है। इस मेले का आयोजन सभी आयु वर्ग के पाठकों की रुचि को ध्यान में रखते किया गया है। पुस्तक मेले में करीब तेरह प्रमुख प्रकाशक अपनी किताबों के साथ शामिल होंगे। बाल साहित्य की गुणवत्तापूर्ण किताबें प्रकाशित करने वाले एकलव्य के अलावा नेशनल बुक ट्रस्ट,गार्गी,पेंगुईन और ऑक्सफोर्ड प्रेस जैसे प्रकाशकों की किताबें पुस्तक प्रेमियों के लिए उपलब्ध कराई जाएंगी। बाल साहित्य, शिक्षा पर आधारित पुस्तकें, विज्ञान, गणित, इतिहास, भूगोल और अन्य विषयों से संबंधित संदर्भ पुस्तकें प्रकाशकों के विभिन्न स्टॉल और शिक्षण सहायक सामग्रियां भी मुहैया होंगी। मुख्य तौर पर हिंदी और अंग्रेजी की किताबें प्रदर्शनी और बिक्री के लिए मेले में उपलब्ध होंगी। अजीम प्रेमजी फाउंडेशन और विद्यालय शिक्षा विभाग के संयुक्त प्रयास से तीन दिवसीय पुस्तक मेले (किताबों से एक मुलाकात) का आयोजन 6 से 8 नवंबर तक किया जाएगा। तीन दिवसीय पुस्तक मेले में विभागीय अधिकारियों की जिम्मेदारी तय है। इस मौके पर शिक्षा विभाग के प्रतिनिधियों के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े जिले के तमाम लोग भी मौजूद होंगे। अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की टीम पुस्तक मेले के सफल आयोजन को लेकर इसकी तैयारियों में जुटी हुई है। अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की ओर से पुस्तक मेले के आयोजन की जिम्मेदारी संभाल रहे दिनेश तिवारी का कहना है कि हरिद्वार में पुस्तक मेले जैसे आयोजन की यह एक अनूठी पहल की जा रही है। हरिद्वार के लोग इस अवसर का भरपूर लाभ उठा सकते हैं। फाउंडेशन के जिला समन्वयक दीपक दीक्षित ने बताया कि हरिद्वार जिले में छात्र-छात्राओं और शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोगों के बीच पढ़ने की संस्कृति को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से इस पुस्तक मेले का आयोजन किया जा रहा।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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