हरिद्वार। राष्ट्रीय मानव अधिकार संरक्षण समिति ट्रस्ट द्वारा लाला लाजपत राय के बलिदान दिवस पर वर्चुअल बैठक कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। बैठक की अध्यक्षता इं0मधुसूदन अग्रवाल राष्ट्रीय अध्यक्ष व संचालन राष्ट्रीय मंत्री जितेन्द्र कुमार शर्मा ने किया। राष्ट्रीय अध्यक्ष इं0 मधुसूदन अग्रवाल ने लाला लाजपत राय को नमन करते हुए कहा कि भारत भूमि हमेशा से ही वीरों की जननी रही है भारत के स्वतंत्रता संग्राम में ऐसे कई वीर हुए जिन्होंने देश को आजादी दिलाने में अपनी जान की भी परवाह नहीं की। ऐसे ही एक वीर थे शेर-ए-पंजाब लाला लाजपत राय। लाला लाजपत राय भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के वह महान सेनानी थे जिन्होंने देश सेवा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी और अपने जीवन का एक-एक कतरा देश के नाम कर दिया। वरिष्ठ समाजसेवी जगदीश लाल पाहवा ने कहा कि पुलिस की लाठियों और चोट की वजह से 17 नवम्बर, 1928 को उनका देहान्त हो गया। देश ने लाला लाजपत राय के रूप में एक ऐसा नेता खो दिया था जो ना सिर्फ युवाओं को संगठित कर सकने में माहिर थे बल्कि उनसे काम निकालने के सभी गुण थे जैसे वह गरम दल के होने के बाद भी गांधीजी के प्रिय थे। शांति और शक्ति दोनों से वह काम निकालना जानते थे, लेकिन उनकी शहादत बर्बाद नहीं गई और ना ही उनके कातिल अधिक दिन तक जी पाए। उनकी मृत्यु के एक महीने बाद ही 17 दिसंबर, 1928 को ब्रिटिश पुलिस अफसर सांडर्स को राजगुरु, सुखदेव और भगतसिंह ने गोली से उड़ा दिया। एसएस राणा, जिला अध्यक्ष हरिद्वार ने कहा कि लाला लाजपत राय एक प्रतिष्ठित व्यक्ति थे। उन्होंने पंजाब में स्वामी दयानन्द सरस्वती के साथ मिलकर आर्य समाज को लोकप्रिय बनाया। उन्होंने लाला हंसराज एवं कल्याण चन्द्र दीक्षित के साथ मिलकर दयानन्द एंग्लो वैदिक विद्यालयों का प्रचार-प्रसार किया, जिन्हें आज डीएवी स्कूल्स व कालेज के नाम से जाना जाता है। जिला महामंत्री विनोद मित्तल ने कहा कि लाला लाजपत राय जो देश के लिए मुख्य स्वतंत्रता सेनानी और भारतीय कांग्रेस पार्टी के प्रमुख नेता रहे थे। उन्होंने अपने जीवन चक्र में भारत को स्वतंत्रता दिलाने के लिए कई प्रकार से महत्वपूर्ण योगदान दिया है। लाला लाजपत राय जिन्होंने साइमन कमीशन में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया और ब्रिटिश सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया था। प्रान्तीय उपाध्यक्ष उत्तराखंड पश्चिम की रेखा नेगी ने कहा कि लाला लाजपत राय एक सच्चे देशभक्त, स्वतंत्रता सेनानी,एक नेता,लेखक,वकील,समाज-सुधारक और आर्य समाजी थे। उन्होंने भारत को आजाद कराने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। राष्ट्रीय मंत्री जितेन्द्र कुमार शर्मा ने बैठक का संचालन करते हुए कहा कि लाला लाजपत राय महान स्वतंत्रता सेनानी,महान देशभक्त और समाजसुधारक थे। उनको उनके कार्यों व उनके बलिदान के लिए सदैव याद रखा जायेगा। इस अवसर पर सुरेश चन्द्र गुप्ता,डा0 सपना बंसल,शोभा शर्मा, हेमन्त सिंह नेगी, डा0 पंकज कौशिक,कुलभूषण शर्मा,एस0एस0 त्यागी,विनोद मित्तल, कमला जोशी, राजीव राय, रेखा नेगी,प्रीति जोशी,साधना रावत बहुखंडी,नीलम रावत, नूपुर पाल,नानकचन्द्र गोयल,अशोक कुमार गुप्ता, विमल कुमार गर्ग,राकेश अरोड़ा,भारती सिंह, धनप्रकाश गोयल, रोहित,जगदीश बावला, इं0रूचिर कुमार,डा0 शिवि अग्रवाल, अंकुर गोयल, अर्चना सिंघल, ऊषा शर्मा,दिशी गर्ग, अश्वनी सिंह उपस्थित रहे।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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