हरिद्वार। स्वामी रामभजन वन महाराज ने कहा कि मानवता की सेवा सबसे बड़ी ईश्वरीय सेवा है और कष्ट में पड़े इंसान की सहायता करना सबसे बड़ा पुण्य है। उन्होंने कहा ईश्वर की कृपा से अर्जित धर्म,अर्थ,ज्ञान को लोगों में बांटकर मोक्ष दिलाना ही सनातन धर्म है। शिवोपासना संस्थान,डरबन,साऊथ अफ्रीका की स्थापना जनकल्याण के लिए किया गया है और उन्हें इस बात की बेहद खुशी है कि भक्तों के द्वारा दिये गये दान की संपत्ति को उन्होंने कष्ट में भक्तों की सहायता के लिए उपयोग किया। सनातन धर्म की पाताका विश्व में फहराने वाले शिवोपासना संस्थान डरबन साऊथ अफ्रीका के संस्थापक एवं श्रीपंचायती अखाड़ा निरंजनी के स्वामी रामभजन वन महाराज हरिद्वार पहूंच गये है। हरिद्वार प्रवास के दौरान वे गणमान्य संत,महंतों,महामंडलेश्वर वह विद्वतजन से भेंट वार्ता कर आध्यात्मिक चिंतन मंथन कर भक्तों के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करने की दिशा में कार्य करेंगे। कनखल स्थित शिव कुटी आश्रम में भेंटवार्ता के दौरान स्वामी रामभजन वन महाराज ने कहा कि करोना महामारी का असर पूरी दुनिया पर पड़ा है। साऊथ अफ्रीका में अछूता नहीं रहा। असंख्य लोग काल का काल का ग्रास बन गये। महामारी के दौर में लोगों रोजगार समाप्त हो गया। बेरोजगारी के चलते लोग कर्ज में डूबते चले गए। कर्जा नहीं चुकाने पर बैंक रिकवरी का दवाब बढ़ता गया। मजबूर एवं हताश लोगों की जमीन, जायदाद हड़पने की साजिश होने लगी। ऐसे में शिवोपासना संस्थान लोगों की मदद के लिए सामने आया। उन्होंने कहा संस्था में भक्तों के जमा पूंजी को बिना ब्याज के उधार देकर रोजगार का अवसर प्रदान किया गया। कहा संस्था में भक्तों के दान से जमा धनराशि को आपत्तिकाल में लोगों के मदद के काम आई। इस बात की उन्हें बेहद खुशी है। उन्होंने कहा भविष्य में भी शिवोपासना संस्थान भक्तों की मदद के लिए सदैव तत्पर रहेगा।
हरिद्वार। स्वामी रामभजन वन महाराज ने कहा कि मानवता की सेवा सबसे बड़ी ईश्वरीय सेवा है और कष्ट में पड़े इंसान की सहायता करना सबसे बड़ा पुण्य है। उन्होंने कहा ईश्वर की कृपा से अर्जित धर्म,अर्थ,ज्ञान को लोगों में बांटकर मोक्ष दिलाना ही सनातन धर्म है। शिवोपासना संस्थान,डरबन,साऊथ अफ्रीका की स्थापना जनकल्याण के लिए किया गया है और उन्हें इस बात की बेहद खुशी है कि भक्तों के द्वारा दिये गये दान की संपत्ति को उन्होंने कष्ट में भक्तों की सहायता के लिए उपयोग किया। सनातन धर्म की पाताका विश्व में फहराने वाले शिवोपासना संस्थान डरबन साऊथ अफ्रीका के संस्थापक एवं श्रीपंचायती अखाड़ा निरंजनी के स्वामी रामभजन वन महाराज हरिद्वार पहूंच गये है। हरिद्वार प्रवास के दौरान वे गणमान्य संत,महंतों,महामंडलेश्वर वह विद्वतजन से भेंट वार्ता कर आध्यात्मिक चिंतन मंथन कर भक्तों के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करने की दिशा में कार्य करेंगे। कनखल स्थित शिव कुटी आश्रम में भेंटवार्ता के दौरान स्वामी रामभजन वन महाराज ने कहा कि करोना महामारी का असर पूरी दुनिया पर पड़ा है। साऊथ अफ्रीका में अछूता नहीं रहा। असंख्य लोग काल का काल का ग्रास बन गये। महामारी के दौर में लोगों रोजगार समाप्त हो गया। बेरोजगारी के चलते लोग कर्ज में डूबते चले गए। कर्जा नहीं चुकाने पर बैंक रिकवरी का दवाब बढ़ता गया। मजबूर एवं हताश लोगों की जमीन, जायदाद हड़पने की साजिश होने लगी। ऐसे में शिवोपासना संस्थान लोगों की मदद के लिए सामने आया। उन्होंने कहा संस्था में भक्तों के जमा पूंजी को बिना ब्याज के उधार देकर रोजगार का अवसर प्रदान किया गया। कहा संस्था में भक्तों के दान से जमा धनराशि को आपत्तिकाल में लोगों के मदद के काम आई। इस बात की उन्हें बेहद खुशी है। उन्होंने कहा भविष्य में भी शिवोपासना संस्थान भक्तों की मदद के लिए सदैव तत्पर रहेगा।
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