हरिद्वार। पुत्री के साथ दुष्कर्म करने के मामले में एफटीएससी,अपर सत्र न्यायाधीश कुमारी कुसुम शानी ने आरोपी पिता को दोषी पाते हुए 20 वर्ष की कठोर कैद व एक लाख 51 हजार पांच सौ रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। शासकीय अधिवक्ता भूपेंद्र कुमार चौहान ने बताया कि सात मार्च 2021को थाना ज्वालापुर क्षेत्र में एक पिता ने अपनी 10 वर्षीय पुत्री के साथ दुष्कर्म किया था। अगले दिन सुबह पीड़िता की माता घर पहुंची थी। तो पीड़िता के भाई ने घटना की जानकारी दी थी। पीड़िता की मा ने पीड़िता से पूछताछ की तो पीड़िता ने आरोपी पिता पर दुष्कर्म कर माँ को बताने पर उसे,उसकी माता व भाई को जान से मारने व बेचने की धमकी दी थी। अगले दिन पीड़िता की माँ ने आरोपी पिता के खिलाफ दुष्कर्म, मारपीट, जान से मारने की धमकी देने व पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया था। घटना के करीब 14 दिन बाद पुलिस ने आरोपी पिता को ज्वालापुर स्थित एक कॉलोनी से पकड़ कर जेल भेजा था। तथा आरोपी पिता के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किए थे। सुनवाई के दौरान वादी पक्ष ने सरकार की ओर से पांच गवाह पेश किए। मामले की सुनवाई करते हुए न्यायालय ने दोषी को दंडित किया है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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