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कृष्ण एवं सुदामा जैसी होनी चाहिए मित्रता-पंडित पवन कृष्ण शास्त्री

 अंग्रेजी नववर्ष के बजाए चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को हिंदू नववर्ष मनाएं युवा


हरिद्वार। श्री राधा रसिक बिहारी भागवत परिवार सेवा ट्रस्ट के तत्वाधान में प्राचीन अवधूत मंडल आश्रम में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के सप्तम दिवस पर भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने बताया कि वर्तमान में युवा पीढ़ी सनातन परंपरा को भूल कर पाश्चात्य परंपरा की ओर आकर्षित हो रही हैं। युवा चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से आरम्भ होने वाले हिंदू नव वर्ष को मनाने के बजाए अंग्रेजी नववर्ष को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। मदिरापान कर नाच गाने के साथ अंग्रेजी नववर्ष मनाना उचित नहीं है। युवाओं को अंग्रेजी नव वर्ष के बजाए सनातन परंपराओं के अनुसार हिंदू नववर्ष मनाना चाहिए। शास्त्री ने बताया कि युवा पीढ़ी को सनातन धर्म संस्कृति व संस्कारों के प्रति जागरूक करने के लिए श्री राधा रसिक बिहारी भागवत परिवार सेवा ट्रस्ट द्वारा पंद्रह वर्षों से अंग्रेजी नववर्ष के अवसर पर श्रीमद्भागवत कथा, श्रीमद् देवी भागवत कथा एवं शिव पुराण कथा का आयोजन किया जाता है। श्रद्धालुओं को सुदामा चरित्र की कथा श्रवण कराते हुए शास्त्री ने बताया कि मित्रता कृष्ण एवं सुदामा जैसी होनी चाहिए। सुदामा एक अत्यन्त गरीब ब्राह्मण थे। इस स्थिति में भी वे भगवान की अनन्य भक्ति में लगे रहते और एक दिन जब भगवान के दरबार में जब गए तो भगवान श्रीकृष्ण ने बिना मांगे ही सुदामा को सब कुछ दे दिया। इस कथा से प्रेरणा मिलती है कि जीवन में कितना भी दुख एवं कष्ट का समय हो भगवान की भक्ति कभी नहीं छोड़नी चाहिए। भगवान की कृपा से अपने आप ही दुख एवं कष्ट का समय दूर हो जाता है और जीवन में सुख का समय प्रारंभ होता है। डा.साध्वी प्राची, भगुवंशी आशुतोष पांडे, अनिल पांडे, श्रीमहंत धर्मेंद्र गिरि महाराज, मनीष डावर, पंडित सत्यम शर्मा, श्री अखंड परशुराम अखाड़े के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक एवं श्री कृष्ण जन्म भूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट के समस्त पदाधिकारियों ने वृंदावन से हरिद्वार में कथा स्थल पर पहुंचकर कथा का श्रवण और भागवत का पूजन किया। इस अवसर पर मुख्य यजमान विपिन वडेरा, पूनम वडेरा, विवेक वडेरा, प्रदीप वडेरा, अन्नू वडेरा, लक्ष्य वडेरा, रियांश बडेरा, मीनू डल, पुष्पेंद्र डल, ममता पुरी, अजय कुमार शायी, सुमित शायी, गीता शायी, लक्ष्मी शायी, सपना बीज, सतीश कुमार बीज, पंडित जगदीश प्रसाद खंडूरी, पंडित गणेश कोठारी, पंडित हरीश शर्मा, पंडित विष्णु आदि ने भागवत पूजन किया। 


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