हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के निलम्बित कुलपति प्रोफेसर रूप किशोर शास्त्री पर लगे आरोपों की जांच को लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के तीन सदस्यों की टीम शुक्रवार को विश्वविद्यालय पहुंची। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सत्यपाल सिंह ने निलंबित कुलपति प्रोफेसर रूप किशोर शास्त्री पर लगे शैक्षणिक दस्तावेजों में गड़बड़ी और वित्तीय एवं नियुक्तियों में अनियमितता के आरोपों की जांच के लिए यूजीसी को पत्र भेजा था। यूजीसी की टीम ने आरोपों की जांच शुरू कर दी है। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सत्यपाल सिंह ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए प्रोफेसर रूप किशोर शास्त्री को विगत अक्टूबर माह के अंतिम सप्ताह में निलंबित कर दिया था। साथ ही सत्यपाल सिंह ने कुलपति प्रोफेसर शास्त्री पर लगे आरोपों की जांच को लेकर यूजीसी को पत्र भेजा था। प्रोफेसर शास्त्री पर लगे आरोपों की जांच को लेकर यूजीसी के 3 सदस्य टीम केंद्रीय विश्वविद्यालय गुजरात के कुलपति प्रोफेसर रमा शंकर दुबे के नेतृत्व में शुक्रवार को पहुंची और आरोपों की जांच शुरू कर दी। विवि सूत्रों के अनुसार टीम में शिक्षा मंत्रालय की आयकर अधिकारी संगीता स्वरूप और यूजीसी के संयुक्त सचिव गोपाल शामिल है। शुक्रवार को यूजीसी की टीम ने विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रोफेसर सोमदेव शतांसु और कुलसचिव प्रोफेसर सुनील कुमार के साथ बैठक कर जानकारी ली। यूजीसी की टीम कुलपति पर लगे आरोपों को लेकर बंद कमरे में लोगों से पूछताछ कर रही है हालांकि यूजीसी की टीम ने मीडिया से दूरी बनाए रखी लेकिन बताया जा रहा है कि शनिवार को यूजीसी की टीम निलंबित कुलपति से पूछताछ करेगी। विश्वविद्यालय के कुल सचिव प्रोफेसर सुनील कुमार ने निलंबित कुलपति पर लगे आरोपों की जांच को लेकर विश्वविद्यालय में यूजीसी के 3 सदस्य टीम के आने की पुष्टि कर दी है।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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