हरिद्वार। भेल कारखाने के बारे मे सरकार व मंत्री कुछ भी दावा करें, पर भेल की माली हालत किसी से छिपी नहीं है। वैसे तो भेल ने सरकार को 88 करोड़ का लाभांश दिया है। जब सरकार लाभांश दिया जा रहा तो आधिकारिओ को तंख्वा देने के पैसे क्यों नहीं है ? बताते चले कि गत महा भी ई एम बी के कर्मचरिओं के वेतन देने मे 22 दिन का विलंब क्यों ? भेल की यह हालत देख कर वर्कर्स के माथे पर चिंता की लकीरें आना स्वभाविक है। कहीं आगामी महा मे वर्कर्स के वेतन पर तो असर पड़ने वाला नहीं। इस बात को लेकर भेल कारखाने मे चर्चाओं का बाजार गरम है। जबकि भेल के आधिकारियो को वेतन मे 10दिनों की देरी की सूचना 1दिसंबर को ही मिली जब उनके खाते मे वेतन का पैसा नही आया। जबकि कॉर्पोरेट का यह मैसेज लोगो को अनऔफिसियाल् रूप से 30नवंबर की दोपहर से लोगो के मोबाइल पर घूम रहा है। जब भेल की यह हालत है तो फसूल खर्च कम क्यों नही किये जाते। अभी हाल मे भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्री के आगमन पर भारी भरकम बजट का कार्यक्रम क्यों किया गया। यह वही बात हो गई कि हाथी के दांत दिखाने के और खाने के और।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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