हरिद्वार। महानगर व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष सुनील सेठी ने जिलाधिकारी से मांग करते हुए ठंड का प्रकोप बढ़ने के बावजूद निजी स्कूलों द्वारा स्कूल खुलने की टाइमिंग न बढ़ाने वाले स्कूलों पर कार्यवाही की मांग की है। सेठी ने कहा कि छोटे छोटे बच्चो को निजी स्कूल प्रबंधन द्वारा ठंड में सुबह सुबह स्कूल बुलाया जा रहा है। जिससे बच्चे बीमार हो रहे हैं। स्कूल खुलने का समय ना बढ़ाए जाने से अभिवावकों में रोष है। भारी ठण्ड के बावजूद कुछ स्कूलों द्वारा 7 बजे स्कूल खोले जा रहे है। जबकि 1 दिसंबर से समय में बदलाव होना चाहिए था। कम से कम छोटे बच्चो के स्कूल का समय 9 या 10 बजे होना चाहिए। लेकिन निजी स्कूलों पर कोई अंकुश न होने की वजह से स्कूल प्रबंधक अपनी मनमानी पर उतारू है। सर्दी का प्रकोप बढ़ने पर अब समय में परिवर्तन होना चाहिए। इसलिए जिलाधिकारी महोदय को तत्काल कार्यवाही करते हुए ऐसे स्कूलों को समय बढ़ाने के लिए निर्देशित करना चाहिए और आदेश न मानने वाले स्कूलों पर कार्यवाही करते हुए ऐसे स्कूलों की मान्यता समाप्त करनी चाहिए। मांग करने वालो में मुख्य रूप से महानगर अध्यक्ष जितेंद्र चौरसिया,महामंत्री नाथीराम सैनी,कोषाध्यक्ष मुकेश अग्रवाल,उपाध्यक्ष सुनील मनोचा,उमेश चौधरी,राजेश भाटिया,महेश सिंह ,मनोज ठाकुर,कुलदीप सिंह,गौरव गौतम,भूदेव शर्मा,विनोद गिरी,धर्मपाल प्रजापति,गणेश शर्मा, राजेश शर्मा, शुभाष ठक्कर, मनीष धीमान,अनिल कुमार शामिल रहे।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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