हरिद्वार। भारत माता मंदिर भूपतवाला के महंत महामण्डलेश्वर स्वामी ललितानन्द गिरी ने कहा कि गंगा को प्रदूषण मुक्त रखना सभी देशवासियों का कर्तव्य है। सभी को गंगा की स्वच्छता, निर्मलता, अविरलता के सदैव प्रयत्नशील रहना चाहिए और दूसरों को भी प्रेरित करना चाहिए। महामण्डलेश्वर स्वामी ललितानन्द गिरी महाराज ने कहा कि हरिद्वार विश्व की आध्यात्मिक राजधानी है। देश दुनिया से लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए हरिद्वार हरकी पैड़ी आते हैं। गंगा जल में स्नान, आचमन व गंगा दर्शन से पापों से मुक्ति व पुण्य की प्राप्ति होती है। ऐसे में सभी का कर्तव्य है कि गंगा और गंगा घाटों को स्वच्छ बनाए रखने में योगदान करें। सभी बाहर से आने वाले श्रद्धालु भक्तों को भी गंगा स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए। गंगा स्नान के उपरांत पुराने कपड़े गंगा में ना डालें। अपशिष्ट पदार्थ निर्धारित स्थान पर कूड़ेदान में ही डालें। उन्होंने कहा कि गंगा पुण्य प्रदान करने के साथ एक बड़े भूभाग को सिंचित कर लाखों लोगों की भूख भी मिटाती है। इसलिए सभी को गंगा स्वच्छता के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। समाजसेवी आरडी शर्मा, भक्त दुर्गादास,महंत रघुवीर दास,महंत सूरज दास, स्वामी रामानन्द सरस्वती ने भी सभी से गंगा को स्वच्छ बनाए रखने की अपील की।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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