Skip to main content

बिना गुरू के ज्ञान की प्राप्ति नहीं होती-पंडित पवन कृष्ण शास्त्री


 हरिद्वार। श्री राधा रसिक बिहारी भागवत परिवार सेवा ट्रस्ट के तत्वाधान में स्वागत बैंकट हॉल आर्य नगर चौक ज्वालापुर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के सप्तम दिवस पर भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने गुरु की महिमा का वर्णन करते हुए बताया कि बिना गुरु के न तो ज्ञान की प्राप्ति होती है ना ही गति मिलती है। इसलिए प्रत्येक मनुष्य को जीवन में जिस से भी ज्ञान मिले उसे गुरु मान कर ज्ञान को ग्रहण कर लेना चाहिए। श्रीमद्भागवत महापुराण में दत्तात्रेय के 24 गुरुओं का वर्णन मिलता है। दत्तात्रेय ने जिससे भी कुछ ज्ञान लिया, उसे अपना गुरु मान लिया। दत्तात्रेय ने सर्वप्रथम पृथ्वी को गुरु मानकर सहनशीलता का ज्ञान लिया। पृथ्वी के ऊपर मनुष्य अनेकों अनेकों प्रकार के पाप कर्म करता है। परंतु पृथ्वी मां की भांति सब कुछ सहन कर रही है। संत को भी सहनशील होना चाहिए। दत्तात्रेय ने आकाश को गुरु बनाकर आकाश से ज्ञान लिया कि आकाश बिना किसी के ऊपर भेदभाव किए सभी को अपनी छांव में रखता है। संत को भी किसी के ऊपर भेदभाव नहीं करना चाहिए। सभी को समान रूप से देखना चाहिए। मधुमक्खी को गुरु बना कर ज्ञान ग्रहण किया कि मधुमक्खी पुष्पों से थोड़ा-थोड़ा प्राग इकट्ठा करती है और शहद बनाती है। मधुहरता आता है और मधुमक्खियों को भगा कर सारा शहद ले जाता है। संत एवं भक्तों को भी ज्यादा संग्रह नहीं करना चाहिए नहीं तो कोई ना कोई आकर सब कुछ छीन कर ले जाएगा और वही दुख का कारण बन जायेगा। कबूतर एवं कबूतरी को गुरु बनाकर दत्तात्रेय ने ज्ञान लिया एक शिकारी ने जाल बिछा रखा था। कबूतरी जाल में फंस गई कबूतर कबूतरी को बचाने के चक्कर में खुद भी जाल में फंस गया। कबूतर की कबूतरी के प्रति आसक्ति देख कर दत्तात्रेय ने ज्ञान लिया कि आसक्ति बंधन का कारण होता है। संत को किसी पर ज्यादा आसक्ति नहीं रखनी चाहिए। ठीक इसी प्रकार से दत्तात्रेय ने कुंवारी कन्या,बृंगी नामक कीट, वैश्या, हाथी एवं जिस से भी कुछ ना कुछ सीखने को मिला उसे गुरु बना कर ज्ञान लिया और सबको संदेश दिया कि हम दूसरे की कमियों को देखते हैं। परंतु अच्छाइयों को नहीं देखते। कमी अगर देखने चलो तो सबसे ज्यादा कमी अपने ही अंदर दिखाई देगी। इसलिए कमियां ना देख कर किसी के अंदर कोई एक अच्छाई है तो उस अच्छाई को ग्रहण कर लेना चाहिए। भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने श्रीकृष्ण एवं सुदामा की मित्रता का वर्णन करते हुए बताया कि मित्रता में कभी ऊंच-नीच, भेदभाव,छोटा बड़ा नहीं होता। इस अवसर पर डा.विशाल गर्ग,समाजसेवी मनोज गौतम, कथा के मुख्य जजमान योगेश कौशिक, सुनीता कौशिक, अशोक कालिया,अमित कालिया,विश्वेश्वर दयाल शर्मा,सुधीर शर्मा,सुनील शर्मा, परमेश कौशिक, अविनेश कौशिक,समर्थ कौशिक,सुशांत कालिया,यामिनी कालिया,निशांत कौशिक, तुषार कौशिक, प्रशांत कौशिक ने भागवत पूजन किया।


Comments

Popular posts from this blog

गौ गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया

  हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है।  महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा

ऋषिकेश मेयर सहित तीन नेताओं को पार्टी ने थमाया नोटिस

 हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।

धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

 112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से  मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से  मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।