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गुरूकुल महाविद्यालय में प्रथम जनपद स्तरीय संस्कृत छात्र खेल प्रतियोगिता शुरू

 प्रदेश सरकार संस्कृत के संरक्षण एवं संवर्धन का कार्य कर रही है-आदेश चौहान 


हरिद्वार। गुरूकुल महाविद्यालय में आयोजित प्रथम जनपद स्तरीय संस्कृत छात्र खेल प्रतियोगिता का उद्घाटन क्षेत्रीय विधायक आदेश चौहान,पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतिश्वरानंद, गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमदेव सुधांशु, संस्कृत शिक्षा निदेशक डा.शिवप्रसाद खाली, उपनिदेशक पद्माकर मिश्र,संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलसचिव गिरीश कुमार अवस्थी, गुरुकुल महाविद्यालय के मुख्य अधिष्ठाता सोमप्रकाश चौहान ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन एवं ध्वज फहरा कर किया। धावक यश नैलवाल ने एथलेटिक मशाल लेकर प्रतियोगिताओं का विधिवत शुभारंभ किया। छात्रों ने खेल के नियमों की प्रतिज्ञा लेकर खेल भावना से खेलने का संकल्प दोहराया। मुख्य अतिथि विधायक आदेश चौहान ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश सरकार एवं केंद्र सरकार संस्कृत के संरक्षण एवं संवर्धन का कार्य कर रही है। इस तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन पूरे प्रदेश में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगिताओं की शुरुआत से संस्कृत शिक्षा में एक नया आयाम स्थापित होगा। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमदेव सुधांशु ने कहा कि संस्कृत के छात्र अन्य छात्रों से किसी प्रकार कम नहीं है। संस्कृत भाषा प्राचीन भाषा है। संस्कृत भाषा को पढ़ने लिखने वाले छात्रों ने विश्व पटल पर नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। आवश्यकता है उन्हें अवसर प्रदान करने और उपयुक्त संसाधन उपलब्ध कराने की। उन्होंने छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए खेल को खेल की भावना से खेलने के लिए प्रेरित किया। संस्कृत शिक्षा निदेशक डा.शिव प्रसाद खाली ने कहा कि संस्कृत शिक्षा में खेल प्रतियोगिताओं का प्रारंभ होना मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने इस प्रयास के लिए हरिद्वार जनपद के शिक्षकों एवं हरिद्वार संस्कृत शिक्षा विभाग के सहायक निदेशक को साधुवाद दिया। उन्होंने छात्रों से आह्वान किया की पढ़ाई के साथ-साथ शारीरिक रूप से स्वस्थ होना आज की आवश्यकता है,क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलसचिव गिरीश कुमार अवस्थी ने कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगिताओं का प्रारंभ होना से संस्कृत के छात्रों को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी। ऋषि  संस्कृत महाविद्यालय के परमाध्यक्ष ऋषि रामकृष्ण ने छात्रों से आह्वान किया कि प्रबंधक प्रत्येक परिस्थिति में संस्कृत विद्यालय चलाने को तैयार हैं। इसमें सभी का सहयोग अपेक्षित है। संस्कृत अध्ययन अध्यापन के साथ समाज के विभिन्न क्षेत्रों में छात्रों को अपनी भूमिका का निर्वहन करना होगा। संस्कृत के छात्र जब हर क्षेत्र में आगे होंगे तो निश्चित रूप से भ्रष्टाचार, कदाचार दूर करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर सकते हैं। पूर्व विधायक स्वामी यतिश्वरानंद महाराज ने कहा कि ऐसी प्रतियोगिताओं से छात्रों के बीच सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। संस्कृत के छात्र वाद-विवाद, श्लोकोचारण प्रतियोगिताओं के साथ-साथ शारीरिक प्रतियोगिताओं में अपना दमखम दिखाएं और अन्य विधा के छात्रों से प्रतिस्पर्धा करने के लिए अपने आपको तैयार करें। सही मायने में संस्कृत के छात्रों के लिए एक अनूठी परंपरा का आगाज गुरुकुल की धरती से हुआ है। निश्चित रूप से छात्र अपने लक्ष्य को प्राप्त करेंगे। सहायक निदेशक डा.वाजश्रवा आर्य ने अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर सिटी मजिस्ट्रेट अवधेश प्रताप सिंह,डा.प्रेमचंद शास्त्री,हरि गोपाल शास्त्री, अजय कौशिक, सोम प्रकाश चौहान, पंडित हेमंत तिवारी, डा.नवीन चंद्र, कुलदीप चंद्र,राकेश मेघवाल, अजमोद मोदी, दिनेश चौहान,विजय शास्त्री, सहित समस्त विद्यालयों के प्रधानाचार्य शिक्षक शिक्षिकाएं एवं छात्र उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डा.प्रकाश चंद जोशी ने किया। आयोजन समिति के सदस्य डा.नवीन चंद्र पंत ने बताया कि प्रतियोगिता में 350 से ज्यादा छात्र प्रतिभाग कर रहे हैं। प्रतियोगिताओं में 800 मीटर दौड प्रतिस्पर्धा में यश नैलवाल ऋषिकुल विद्यापीठ प्रथम ,हिमांशु बेलवाल उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय द्वितीय,पंकज सैनी गुरुकुल महाविद्यालय ज्वालापुर तृतीय स्थान प्राप्त किया। वही कनिष्ठ वर्ग में आदेश गुरुकुल महाविद्यालय प्रथम, रितिक गुरुकुल महाविद्यालय द्वितीय एवं आदेश कुमार गुरुकुल महाविद्यालय तृतीय स्थान पर रह।े उप कनिष्ठ वर्ग मे विशाल गुरुकुल महाविद्यालय प्रथम, सनी गुरुकुल महाविद्यालय द्वितीय एवं हिमांशु कुमार श्री चंद्र संस्कृत महाविद्यालय ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।


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