हरिद्वार चिकित्सा सेवा एवं स्वास्थ्य सेवा विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ के प्रान्तीय अध्यक्ष दिनेश लखेडा के पिता बेलमानंद लखेडा (84) का विगत दिवस अस्वस्थ्य होने के चलते हिमालयन कालोनी हरिपुर कला स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। निधन की सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग सहित विभिन्न विभागों के कर्मचारियो तथ विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुडे लोगो ने उनके आवास पर पहुचकर उनके आवास पर पहुचकर श्रृद्वासुमन अर्पित किये। स्व बेलमानंद के परिवार में उनके तीन पुत्र एक पुत्री व पौत्र तथा नाती भरापूरा परिवार है। मंगलवार को खडखडी स्थित षमषान घाट पर स्व बेलमानंद लखेडा का अन्तिम संस्कार उनके ज्येष्ठ पुत्र दिनेश लखेडा ने किया। इससे पूर्व हरिपुर कला स्थित हिमालयन कालोनी से उनकी अन्तिम यात्रा शुरू हुयी जिसमें पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रहमचारी वरिष्ठ पत्रकार रतनमणी डोभाल, मनोज जखमोला, पूर्व वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डा.पीके भटनागर पूर्व प्रेस क्लब अध्यक्ष दीपक नौटियाल, पूर्व सभासद दिनेश जोशी,वरिष्ठ समाज सेवी गोपाल कृष्ण बडोला र्श्रमिक नेता अखिलेश शर्मा कुलभूषण शर्मा अजय घनसेला वरिष्ठ पत्रकार मनोज रावत, जेपी चाहर, गंगा सिंह पटवल,राजकुमार गुप्ता, विजय भण्डारी सहित नगर के विभिन्न गणमान्य लोगो ने प्रतिभाग कर श्रृद्वासुमन अर्पित किये।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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