Skip to main content

शिक्षा करती है सफलता व समृद्धि का मार्ग प्रशस्त: मदन कौशिक


 हरिद्वार। हमारे जीवन में शिक्षा अत्यन्त महत्वपूर्ण स्थान रखती है। शिक्षा से ही सफलता व समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है। यह विचार विधायक मदन कौशिक ने मुख्य अतिथि के रूप में राजकीय महाविद्यालय भूपतवाला, मोहनानन्द आश्रम भीमगोडा, हरिद्वार के प्रथम वार्षिकोत्सव व पुरस्कार वितरण समारोह को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये।पूर्व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि उत्तरी हरिद्वार के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए दूर जाना पड़ता था। उत्तरी हरिद्वार की पीड़ा को महसूस करते हुए भाजपा सरकार ने राजकीय महाविद्यालय की सौगात दी। शिक्षा के उच्च स्तर व बेहतरीन शिक्षक व स्टाफ के चलते प्रथम वर्ष में ही राजकीय महाविद्यालय में 200 से अधिक छात्र-छात्राओं का प्रवेश होना महाविद्यालय की सफलता का प्रतीक है। उन्हांेने कहा कि शीघ्र ही भूमि आवंटित करवाकर राजकीय महाविद्यालय के स्थायी भवन का निर्माण कार्य प्रारम्भ करवाया जायेगा। समारोह के विशिष्ट अतिथि भाजपा पार्षद दल के उपनेता अनिरूद्ध भाटी ने कहा कि उत्तरी हरिद्वार में राजकीय महाविद्यालय की स्थापना मील का पत्थर साबित होगी। बीए, बी.कॉम. व बीएससी तीनों फेकल्टी का एक ही स्थान पर होने से उत्तरी हरिद्वार के बच्चों को अब दूर नहीं भटकना पड़ता है। उन्हें बेहतर शिक्षा अपने घर के पास ही उपलब्ध हो रही है। यही नहीं कनखल, ज्वालापुर, रायवाला, ऋषिकेश के बच्चे भी महाविद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। अनिरूद्ध भाटी ने कहा कि शीघ्र नगर निगम हरिद्वार के पारित प्रस्ताव के अनुरूप महाविद्यालय को भूमि आवंटित करवायी जायेगी जिससे स्थायी भवन का निर्माण कार्य प्रारम्भ हो सके।महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. दिनेश कुमार शुक्ल ने प्रथम वार्षिकोत्सव के अवसर पर अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह राजकीय महाविद्यालय विधायक मदन कौशिक के अथक प्रयासों से संचालित हो रहा है। राजकीय महाविद्यालय की स्थापना व अस्थायी संचालन में विधायक मदन कौशिक व भाजपा पार्षद दल के उपनेता अनिरूद्ध भाटी ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। भविष्य में इन लोगों के प्रयास से स्थायी भवन भी मूर्तरूप लेगा। प्राचार्य डॉ. दिनेश कुमार शुक्ल ने विधायक मदन कौशिक के समक्ष सीमित संसाधनों से नवसृजित महाविद्यालय में आ रही परेशानियों से अवगत कराते हुए एनएसएस व एनसीसी प्रारम्भ करने में सहयोग का आवाह्न किया। पुरस्कारण वितरण समारोह में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले बीए प्रथम वर्ष खुशबू व बी.कॉम.प्रथम वर्ष में हिमांशु थपिलयाल को पुरस्कृत किया गया। सर्वश्रेष्ठ अनुशासित छात्र का पुरस्कार बीए प्रथम वर्ष के समीर चौहान को दिया गया। इस दौरान महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा एक लघु नाटिका बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ पर प्रस्तुति दी गयी। इस अवसर पर कार्यकम का संचालन डॉ.सकुंज राजपूत व अध्यक्षता प्राचार्य डॉ.दिनेश कुमार शुक्ल ने की। डॉ. अमित शर्मा ने सभी गणमान्यजनों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर डॉ.युवराज,डॉ.अजय उनियाल,डॉ.भगवती प्रसाद पुरोहित,डॉ.रूबी तब्बसुम,डॉ.किरन त्रिपाठी,डॉ.स्मिता बसेडा,डॉ.प्रीतम कुमारी,डॉ.संजीव शर्मा,डॉ.संकुज राजपूत,डॉ.अर्चना रानी,डा.प्रमिला विश्वास,डॉ.रूबी ममगाई,डॉ.आराधना सक्सेना,डॉ.अमित शर्मा,आदित्य गौड़,प्रशांत कुमार,जगदीश प्रसाद गिरि,गौरव गिरि,शंकरदत्त पाठक,धीरज पचभईया,दीपांशु विद्यार्थी,विमल त्यागी,डॉ.सत्येन्द्र कुमार समेत अनेक शिक्षकगण व गणमान्यजन उपस्थित रहे।


Comments

Popular posts from this blog

धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

 112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से  मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से  मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।

बी0ई0जी0 आर्मी तैराक दलों ने 127 कांवडियों,श्रद्धालुओं को गंगा में डूबने से बचाया

  हरिद्वार। जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय के निर्देशन, अपर जिलाधिकारी पी0एल0शाह के मुख्य संयोजन एवं नोडल अधिकारी डा0 नरेश चौधरी के संयोजन में कांवड़ मेले के दौरान बी0ई0जी0 आर्मी के तैराक दल अपनी मोटरबोटों एवं सभी संसाधनों के साथ कांवडियों की सुरक्षा के लिये गंगा के विभिन्न घाटों पर तैनात होकर मुस्तैदी से हर समय कांवड़ियों को डूबने से बचा रहे हैं। बी0ई0जी0 आर्मी तैराक दल द्वारा कांवड़ मेला अवधि के दौरान 127 शिवभक्त कांवडियों,श्रद्धालुओं को डूबने से बचाया गया। 17 वर्षीय अरूण निवासी जालंधर, 24 वर्षीय मोनू निवासी बागपत, 18 वर्षीय अमन निवासी नई दिल्ली, 20 वर्षीय रमन गिरी निवासी कुरूक्षेत्र, 22 वर्षीय श्याम निवासी सराहनपुर, 23 वर्षीय संतोष निवासी मुरादाबाद, 18 वर्षीय संदीप निवासी रोहतक आदि को विभिन्न घाटों से बी0ई0जी0 आर्मी तैराक दल द्वारा गंगा में डूबने से बचाया गया तथा साथ ही साथ प्राथमिक उपचार देकर उन सभी कांवडियों को चेतावनी दी गयी कि गंगा में सुरक्षित स्थानों में ही स्नान करें। कांवड़ मेला अवधि के दौरान बी0ई0जी0आर्मी तैराक दल एवं रेड क्रास स्वयंसेवकों द्वारा गंगा के पुलों एवं घाटों पर माइकिं

गुरु ज्ञान की गंगा में मन का मैल,जन्मों की चिंताएं और कर्त्तापन का बोध भूल जाता है - गुरुदेव नन्दकिशोर श्रीमाली

  हरिद्वार निखिल मंत्र विज्ञान एवं सिद्धाश्रम साधक परिवार की ओर से देवभूमि हरिद्वार के भूपतवाला स्थित स्वामी लक्ष्मी नारायण आश्रम में सौभाग्य कीर्ति गुरु पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन उल्लास पूर्वक संपन्न हुआ। इस पावन पर्व के अवसर पर स्वामी लक्ष्मी नारायण आश्रम और आसपास का इलाका जय गुरुदेव व हर हर महादेव के जयकारों से गुंजायमान रहा। परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद (डॉ नारायण दत्त श्रीमाली) एवं माता भगवती की दिव्य छत्रछाया में आयोजित इस महोत्सव को संबोधित करते हुए गुरुदेव नंदकिशोर श्रीमाली ने गुरु एवं शिष्य के संबंध की विस्तृत चर्चा करते हुए शिष्य को गुरु का ही प्रतिबिंब बताया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार स्वयं को देखने के लिए दर्पण के पास जाना पड़ता है,उसी प्रकार शिष्य को गुरु के पास जाना पड़ता है, जहां वह अपनी ही छवि देखता है। क्योंकि शिष्य गुरु का ही प्रतिबिंब है और गुरु भी हर शिष्य में अपना ही प्रतिबिंब देखते हैं। गुरु में ही शिष्य है और शिष्य में ही गुरु है। गुरु पूर्णिमा शिष्यों के लिए के लिए जन्मों से ढोते आ रहे कर्त्तापन की गठरी को गुरु चरणों में विसर्जित कर गुरु आलिंगन में बंधने का दिवस