हरिद्वार। वनस्पति एवं सुक्ष्म जीव विज्ञान विभाग में गुरूवार को जागरूकता अभियान के अंतर्गत विश्व एड्स दिवस मनाया गया। जिसमें छात्रों को एड्स से बचाव एवं रोकथाम विषय पर विशेष जानकारी एवं जागरूकता अभियान व्याख्यान एवं रोकथाम के लिए सूक्ष्मजीव विज्ञान विभाग में छात्रों को इस रोग के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया गया। साथ ही साथ छात्रों का निःशुल्क ब्लड ग्रुप,हीमोग्लोबिन, सीआरपी भी चेक किया गया तथा एचआईवी एवम अन्य बीमारियो को पहचानने के टेस्ट के बारे में बताया। विभागाध्यक्ष प्रोफेसर नवनीत ने बताया की समाज में जानकारी के अभाव में बहुत से लोग जानें अनजाने में इस गम्भीर बीमारी के शिकार हो सकते हैं जो गलत या सकंरमीत खून चढ़ाने या अन्य किसी कारण से एचआईवी वायरस के संक्रमण से हो सकता है। लेकिन सजगता और सही जानकारी होने पर इस संक्रमण से बचा जा सकता है इस बीमारी से हर साल लाखों लोग मरते हैं ओर पता लगने पर अवसाद का शिकार हो सकते हैं क्योंकि यह वायरस रोगप्रतिरोधक क्षमता को क्षिण कर देता है इसलिए इससे संक्रमित होने पर दुसरे रोगों के होने का प्रतिशत भी बढ़ जाता है। अगर सही जानकारी और बचाव के तरीके पता हो तो इसके संक्रमण से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि हम हर वर्ष 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है इसलिए वनस्पति एवं सूक्ष्मजीव विज्ञान विभाग में हम विषेश जागरूकता एवं जानकारी अभियान के अंतर्गत छात्रों को अवगत कराते हैं क्योंकि जागरूकता ही बचाव का तरीका है। सभी छात्र अपना ब्लड ग्रुप जानकर काफी उत्साहित एवं रोमांचित हुए और विश्वविद्यालय प्रशासन एवं विभागाध्यक्ष प्रोफेसर नवनीत का जानकारी देने के लिए धन्यवाद किया। इस अवसर पर गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के श्रद्धानंद चिकित्सालय के मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर समीर श्रीवास्तव ने प्रतिभागियों को एड्स के बारे में विस्तार से समझाया तथा इसके लक्षण रोकथाम एवं निदान उपचार के बारे में विस्तृत रूप से विचार साझा किए। इस अवसर पर वरिष्ठ प्रोफेसर आर सी दुबे ने भी अपने विचार व्यक्त किए। डाक्टर विनीत कुमार विश्नोई, डाक्टर चिंरजीब बनर्जी का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ। इस अवसर पर विभाग के अन्य सभी शिक्षक डाक्टर के के गुप्ता, डाक्टर हरिश कुमार एवं शोध छात्र-छात्राएं एवं शिकक्षेतर कर्मचारी उपस्थित रहे।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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