हरिद्वार। तीर्थ नगरी हरिद्वार में लाजपतराय मेहरा न्यूरोथेरेपी रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के तत्वाधान में हरिद्वार में आयोजित की जा रही न्यूरोथेरेपी परीक्षा में देश भर के 100 से ज्यादा परीक्षार्थी भाग लेंगे। लाजपतराय मेहरा न्यूरोथेरेपी रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टिटयूट के कोषाध्यक्ष सुमित महाजन ने बताया कि 24 से 26 जनवरी तक हरिद्वार में आयोजित की जा रही संस्था की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में देश के सौ से अधिक न्यूरोथेरेपिस्ट सदस्य भाग करेंगे। सुमित महाजन ने बताया कि न्यूरोथेरेपी प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति है। जिसमें बिना दवा के सभी रोगों का सफल इलाज किया जाता है। इसके जन्मदाता डा.लाजपतराय मेहरा है। जिन्होंने न्यूरोथेरेपी का आविष्कार किया। सुमित महाजन ने बताया कि न्यूरोथेरेपी के पूरे देश भर में 1800 से अधिक उपचार केंद्र चल रहे हैं और 12वीं पास बेरोजगार बच्चों को न्यूरोथेरेपी की ट्रेनिंग देकर अपने पांव पर खड़ा किया जाता है। पिछले साल के कार्यक्रम में हमने यह निर्णय किया था कि हम लोग उत्तराखंड के लिए भी कुछ करेंगे। इस कड़ी में हरिद्वार में 23, 24 जनवरी न्यूरोथेरेपी परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा पिछले वर्ष परीक्षा पास करने वाले छात्रों को प्रमाण पत्र वितरित किए जाएंगे और नई कार्यकारिणी की घोषणा की जायगी। कार्यक्रम में अजय गांधी,रामगोपाल परिहार,वीरेंद्र प्रसाद, अजय कुशवाहा, सुकुमार, नागलक्ष्मी, अंजना भानूशाली सहित देश भर से अध्ययन केंद्र प्रभारी होंगे।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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