हरिद्वार। स्वामी शंकरानन्द कृष्णानद आनन्द आश्रम दक्षिण भाग भूपतवाला के महन्त स्वामी विवेकानंद ने भक्तो के साथ गंगा किनारे रह रहे गरीब व असहाय लोगों को कम्बल वितरित किए। स्वामी विवेकानंद महाराज ने कहा कि भीषण सर्दी के मौसम में गंगा तटों व सड़कों के किनारे रहने वाले लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है। ऐसे में सभी को उनकी मदद के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि मानव सेवा ही सच्ची ईश्वर सेवा और मानवता सबसे बड़ा धर्म है। गरीब, असहायों व जरूरमंदों की मदद करने से ही मानव जीवन को सार्थक किया जा सकता है। भक्तों को संदेश देते हुए स्वामी विवेकानंद महाराज ने कहा कि जहां इस प्रकार के जरूरतमंद लोग मिलें तो मानव धर्म को निभाते हुए उनकी मदद अवश्य करें। कपिल शर्मा जौनसारी ने कहा कि तीर्थ नगरी हरिद्वार में गंगा तट पर किए गए दान पुण्य का सहस्त्र गुना फल मिलता है। इसलिए हरिद्वार या किसी भी तीर्थ पर जाएं तो गरीबों की मदद अवश्य करें। कपिल शर्मा जौनसारी ने बताया कि जयपुर से आये भक्तो के सहयोग से संत महात्माओं और गरीब बेसहारा लोगों को कंबल वितरित किए गए। कम्बल वितरण में बजरंग मिडा,रवि मिड्डा लीलाधर,हरीश भाटी,राधेश्याम नौटियाल,भजनी देवी,संतोष, कृष्णा,ज्योति, पवन सिंह प्रकाश आदि भक्त शामिल रहे।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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