हरिद्वार। ब्रह्मलीन महंत प्रदीप दास महाराज की तीसरी पुण्य तिथि पर संत समाज ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। भूपतवाला स्थित विष्णुधाम आश्रम में महंत कपिल मुनि महाराज के सानिध्य में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह को संबोधित करते हुए आश्रम के परमाध्यक्ष महंत निर्मलदास महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत प्रदीप दास महाराज त्याग और तपस्या की साक्षात प्रतिमूर्ति थे। ब्रह्मलीन महंत प्रदीप दास महाराज के परम शिष्य कबीर चौरा आश्रम के महंत कपिल मुनि महाराज जिस प्रकार अपने गुरू के अधूरे कार्यो और उनके द्वारा स्थापित सेवा प्रकल्पों को आगे बढ़ा रहे हैं। उससे युवा संतों को प्रेरणा लेनी चाहिए। महंत कपिल मुनि महाराज ने श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पूज्य गुरूदेव ब्रह्मलीन महंत प्रदीप दास महाराज विद्वान संत थे। गुरूदेव से प्राप्त ज्ञान व शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए उनके द्वारा स्थापित सेवा परंपरा को आगे बढ़ाना ही उनके जीवन का प्रमुख उद्देश्य है। स्वामी रविदेव शास्त्री व स्वामी प्रकाशानंद महाराज ने कहा कि गुरू की सेवा कभी निष्फल नहीं होती है। गुरू के आशीर्वाद से ही व्यक्ति को जीवन में उच्च मुकाम प्राप्त होता है। महंत कपिल मुनि महाराज को अपने गुरूदेव ब्रहमलीन महंत प्रदीप दास महाराज की परंपरांओं को आगे बढ़ाते देख समस्त संत समाज हर्षित है। इस अवसर पर महंत दिनेश दास,स्वामी शिवानन्द,महंत प्रकाशानंद,स्वामी हरिहरानंद, महंत गोविंददास, स्वामी रामानंद सरस्वती,महंत लंकेश दास, महंत रामदास, महंत सुतिक्ष्ण मुनि सहित कई संत महापुरूष मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
Comments
Post a Comment