हरिद्वार। सांसद डॉ सत्यपाल सिंह फिलहाल यूजीसी के अगले आदेश तक गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति रहेंगे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के चेयरमैन एम जगदीश कुमार ने कुलाधिपति के त्यागपत्र को अस्वीकार करते हुए उनकी बर्खास्तगी सम्बन्धी आर्य समाजों के निर्णय को निरस्त कर दिया है। यूजीसी ने विश्वविद्यालय की प्रायोजक आर्य प्रतिनिधि सभा और कुलसचिव को पत्र भेजकर डॉक्टर सत्यपाल सिंह को ही अग्रिम आदेश तक कुलाधिपति बने रहने का निर्देश दिया है। ज्ञात रहे कि तत्कालीन कुलपति प्रो.रूप किशोर शास्त्री को विश्वविद्यालय के कुलपति को पद मुक्त करने से नाराज विश्वविद्यालय की प्रायोजक आर्य प्रतिनिधि सभा ने विगत 1 जनवरी को कुलाधिपति डॉ सत्यपाल सिंह को पद से हटा दिया था। तत्कालीन कुलपति प्रोफेसर रूप किशोर शास्त्री पर लगे आरोपों की जांच के बाद कुलाधिपति डॉ सत्यपाल सिंह ने उन्हें पद मुक्त कर दिया था। प्रोफेसर शास्त्री को पद मुक्त किए जाने से आर्य प्रतिनिधि सभा में नाराज हो गई थी। विश्वविद्यालय को संचालित करने वाले आर्य प्रतिनिधि सभा दिल्ली पंजाब और हरियाणा के प्रधानों ने संयुक्त बैठक कर कुलाधिपति सत्यपाल सिंह को पद से हटा दिया था। दावा किया गया था कि डॉ. सत्यपाल सिंह इससे पहले ही अपने पद से त्यागपत्र दे चुके थे। अपने त्यागपत्र में डॉक्टर सत्यपाल सिंह ने आर्य प्रतिनिधि सभा के कुछ प्रतिनिधियों पर कुलपति को बचाए जाने का भी आरोप लगाया था। गुका विश्वविद्यालय में इस व्यवस्था पर संज्ञान लेते हुए आयोग ने अब डॉ सत्यपाल सिंह का त्यागपत्र स्वीकार करते हुए उनकी बर्खास्तगी को निरस्त कर दिया है। यूजीसी ने विश्वविद्यालय संस्थाओं को अग्रिम आदेश तक सत्यपाल सिंह को कुलाधिपति बनाए रहने के निर्देश भी दिए हैं।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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