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मेट्रो हॉस्पिटल में दूरबीन द्वारा की गयी पिट्यूटरी ग्रंथि के ट्यूमर की सफज सर्जरी

तीर्थनगरी में इस तरह का पहला सफल ऑपरेशन करने का दावा


 हरिद्वार। सिडकुल स्थित मेट्रो हॉस्पिटल के चिकित्सकों ने एक 48 वर्षीय महिला का पिट्यूटरी ग्रंथी के टयूमर के सफल आपरेशन को अंजाम दिया है। अस्पताल के वरिष्ठ न्यूरो एवं स्पाइन सर्जन डा.सलिल महाराज ने बुधवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि लगातार सिर दर्द और आँखों की रौशनी कम होने की शिकायत लेकर अस्तपाल पहुंची एक 48 वर्षीय महिला की जांच के बाद पता चला कि उनकी पिट्यूटरी ग्रंथि में एक ट्यूमर है। जो कैंसर तो नहीं था पर आँखों की देखने की शक्ति पर असर डाल रहा था। लगातार सिर दर्द की वजह से उन्हें सामान्य कामकाज करने में मुश्किल पेश आने लगी थी। मेट्रो हॉस्पिटल में जांच के बाद विभिन्न शाखाओं के विशेषज्ञों के दल ने सर्जरी कर ट्यूमर को सफलता पूर्वक निकाल दिया। डा.सलिल महाजन ने बताया कि पिट्यूटरी ग्रंथि, जिसे पीयूषिका के नाम से जाना जाता है, मस्तिष्क के तल पर हाइपोथेलेमस के निचले हिस्से पर स्थित होती है और यह मटर के दाने के आकार की होती है। इस ग्रंथि का काम एक ऐसा हॉर्मोन पैदा करना होता है जो हमारी कई तरह की शारीरिक व्यवस्थाओं को नियंत्रित है, जैसे कि तनाव, शारीरिक विकास, प्रजनन क्षमता, रक्तचाप की नियमितता, शारीरिक ऊर्जा और कुछ हद तक हमारे गुर्दों और पाचन प्रक्रिया को भी प्रभावित करता है। महिला की इस ग्रंथि में पाया गया ट्यूमर न केवल इनके सिर दर्द और आखों की रौशनी पर प्रभाव डाल रहा था। बल्कि आगे चल कर और भी परेशानी खड़ी कर सकता थ। इसलिए सर्जरी कर निकलना जरुरी था। अस्पताल के वरिष्ठ इएनटी सर्जन एवं कॉक्लियर इम्प्लांट विशेषज्ञ डॉ समीर टोपनो, वरिष्ठ निश्चेतन विशेषज्ञ डा.श्वेता गौतम, गहन चिकित्सा विशेषज्ञ डा.नीरज मैथानी के साथ दूरबीन द्वारा महिला की सर्जरी कर नाक के रास्ते ट्यूमर को सफलतापूर्वक बाहर निकाल दिया गया। डा.सलिल ने  बताया कि यह सर्जरी काफी जटिल होती है। इसमें नाक के रास्ते दिमाग के बिलकुल निचले हिस्से में स्थित एक मटर के दाने के आकार वाली ग्रंथि तक पहुंच कर ट्यूमर को निकाला जाता है। यह सर्जरी दिल्ली जैसे बड़े शहरों हॉस्पिटलों में की जाती है। हरिद्वार में ये पहली बार इस तरह की सर्जरी सफलता पूर्वक की गयी।  


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