हरिद्वार। भेल सेक्टर पांच के समीप जंगल में नदी से सटे खेतों में घुसे जंगली हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया और टमाटर, सरसों, गेंहू की फसलों को रौंद दिया। जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। पीड़ित किसानों ने वन विभाग से मुआवजे की मांग की हैं। किसानों की मांगों के समर्थन में पहुंच युवा कांग्रेस नेता अंकित चैहान ने कहा कि किसानों की फसलों को जंगली हाथियों ने बर्बाद कर दिया है। जंगली हाथी लगातार किसानों के खेतों मे घुस जाते हैं और फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। वन विभाग के कर्मचारियों को गश्त बढ़ानी चाहिए। जंगली हाथियों की रोकथाम की जाए। जिससे किसानों को नुकसान का सामना ना करना पड़े। गेंहू, सरसों, टमाटर की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। नुकसान का आकलन कर वन विभाग को तुरंत राहत पहुंचाते हुए किसानों को राहत पहुंचानी चाहिए। मोहनलाल सैनी ने कहा कि बांसों वाली में किसान कई वर्षो से खेती करते चले आ रहे हैं। ख्ेतों की तारबाड़ ओर झोपड़ीयों को भी हाथी उखाड़ देते हैं। कई बार खतरा बना रहता है। वन विभाग को राहत देने के लिए कदम उठाने चाहिए। मुआवजे की मांग करने वालों में मोहनलाल, महेंद्र सैनी, नानकू, पुरूषोत्तम, मंगता हसन आदि किसान शामिल रहे।
हरिद्वार। भेल सेक्टर पांच के समीप जंगल में नदी से सटे खेतों में घुसे जंगली हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया और टमाटर, सरसों, गेंहू की फसलों को रौंद दिया। जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। पीड़ित किसानों ने वन विभाग से मुआवजे की मांग की हैं। किसानों की मांगों के समर्थन में पहुंच युवा कांग्रेस नेता अंकित चैहान ने कहा कि किसानों की फसलों को जंगली हाथियों ने बर्बाद कर दिया है। जंगली हाथी लगातार किसानों के खेतों मे घुस जाते हैं और फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। वन विभाग के कर्मचारियों को गश्त बढ़ानी चाहिए। जंगली हाथियों की रोकथाम की जाए। जिससे किसानों को नुकसान का सामना ना करना पड़े। गेंहू, सरसों, टमाटर की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। नुकसान का आकलन कर वन विभाग को तुरंत राहत पहुंचाते हुए किसानों को राहत पहुंचानी चाहिए। मोहनलाल सैनी ने कहा कि बांसों वाली में किसान कई वर्षो से खेती करते चले आ रहे हैं। ख्ेतों की तारबाड़ ओर झोपड़ीयों को भी हाथी उखाड़ देते हैं। कई बार खतरा बना रहता है। वन विभाग को राहत देने के लिए कदम उठाने चाहिए। मुआवजे की मांग करने वालों में मोहनलाल, महेंद्र सैनी, नानकू, पुरूषोत्तम, मंगता हसन आदि किसान शामिल रहे।
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