हरिद्वार। श्रीअवधूत मंडल आश्रम बाबा हीरादास हनुमान मंदिर के पीठाधीश्वर महंत संतोष आनंद देव जी महाराज ने कहा कि बसंत पंचमी को मां भगवती सरस्वती के प्राकट्य दिवस के रूप में जाना जाता है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा आराधना करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है। ज्ञान प्राप्ति के लिए सरस्वती पूजा सर्वश्रेष्ठ उपाय और बसंत पंचमी सर्वश्रेष्ठ दिन है श्री अवधूत मंडल आश्रम, बाबा हीरा दास हनुमान मंदिर में पूर्वांचल उत्थान संस्था की ओर से तृतीय सरस्वती पूजन समारोह का आयोजन धूमधाम से किया जा रहा है। बसंत पंचमी के दिन दिनांक 26 जनवरी दिन-गुरुवार को मां सरस्वती के प्राकट्य दिवस पर विधिः विधान के साथ मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित कर विद्वान आचार्य के द्वारा प्राण प्रतिष्ठा और सामुहिक पूजन के उपरांत भक्तों को भोजन प्रसाद वितरित किया जाएगा। अगले दिन दिनांक 27 जनवरी, शुक्रवार को मुर्ति का विसर्जन किया जायेगा। इस मौके पर श्री अवधूत मंडल आश्रम के पीठाधीश्वर महंत स्वामी संतोषानंद देव जी महाराज ने कहा कि सभी धनों में सर्वश्रेष्ठ धन विद्या धन को प्राप्त करने का सर्वश्रेष्ठ उपाय मां सरस्वती की आराधना है और मां सरस्वती की आराधना का सर्वश्रेष्ठ दिन बसंत पंचमी का दिन है। बसंत पंचमी को मां सरस्वती का प्राकट्य दिवस माना जाता है। इस दिन मां सरस्वती की विधि विधान से पूजा अर्चना करने से मनुष्य के समस्त मनोकामनाएं पूरी होती है, अज्ञानता का अंधकार मिटकर ज्ञान का प्रकाश जागृत होता है। मां सरस्वती को विद्या और ज्ञान की ज्ञान की देवी कहा जाता है। इसलिए विद्या और ज्ञान की चाह रखने वाले लोगों को मां सरस्वती की आराधना करनी चाहिए। बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की आराधना करने से बच्चों का बौद्धिक और मानसिक विकास होता है। स्वामी संतोषानंद देव महाराज ने कहा कि विद्या एक ऐसा धन है जिसे ना राजा छीन सकता है,न भाई बांट सकता है और ना चोर चुरा सकता है। मनुष्य को विद्या धन की रक्षा करनी चाहिए। यह खर्च करने से निरंतर बढ़ता है। स्वामी संतोष आनंद देव जी ने कहा कि श्री अवधूत मंडल आश्रम बाबा हीरा दास हनुमान मंदिर सिंहद्वार ज्वालापुर में 26 फरवरी दिन गुरुवार को मां सरस्वती पूजन समारोह का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें सभी भक्तजन सादर आमंत्रित हैं। उन्होंने बताया कि प्रातः10 बजे से सरस्वती पूजा अर्चना विद्वान पंडितों के द्वारा किया जायेगा। कार्यक्रम में पूर्वांचल उत्थान संस्था के सदस्य आशुतोष पांडे- अध्यक्ष ,बीएन राय-महासचिव विनोद शर्मा- कोषाध्यक्ष, राज नारायण मिश्रा, विभाष मिश्रा,रंजीता झा,वरुण शुक्ला,मिथिलेश तिवारी,राकेश कुमार मिश्रा, राजेश राय, रूपलाल यादव,आचार्य उद्धव मिश्रा,पं भोगेंद्र झा,पं विनय मिश्रा, पं बलरामशरण शुक्ल, त्रिपुरारी झा,संतोष कुमार,डॉनिरंजन मिश्रा,डॉ नारायण पंडित,डॉशम्भू कुमार झा,अबधेश झा,काली प्रसाद साह, कामेश्वर यादव,कृष्ण कुमार यादव, गौरव यादव, आशीष कुमार झा,दीपक कुमार झा,अनिल झा, दिलीप कुमार झा,अखिलेश चौहान, अतुल राय, राम सागर जयसवाल,राम सागर यादव, विनोद शाह, धर्मेंद्र साह,राजकुमार मुखर्जी, रविशंकर झा, अमरनाथ झा, सहित अन्य गणमान्य सदस्य जी जान से जुटे हैं।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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