हरिद्वार। भूपतवाला स्थित निराला धाम आश्रम में नागेश्वर गद्दी महादेव के 34वें विराट शिव शक्ति महायज्ञ के 25वें दिन महायज्ञ में सम्मिलित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए आश्रम की परमाध्यक्ष राजमाता आशा भारती महाराज ने कहा कि भगवान शिव जगत के प्रमुख देव हैं। जो भक्त एक बार ब्रह्मलीन निराला स्वामी महाराज की साधना स्थली नागेश्वर महादेव गद्दी का पूजन एक बार सच्चे मन से कर लेता है। भगवान शिव की कृपा और ब्रह्मलीन निराला स्वामी के आशीर्वाद से उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। राजमाता आशा भारती महाराज के शिष्य नित्यानन्द महाराज ने बताया कि राष्ट्र व भक्तों के कल्याण हेतु ब्रह्मलीन निराला स्वामी महाराज द्वारा शुरू की विराट शिव शक्ति महायज्ञ की परंपरा का पालन करते हुए राजमाता आशा भारती 40 दिन के चलिया के दौरान नागेश्वर गद्दी पर कठिन साधना करती हैं। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के अंतर्गत 20 जनवरी को निराला धाम में श्रद्धांजलि समारोह एवं संत सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। जिसमें सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूष ब्रह्मलीन निराला स्वामी, ब्रह्मलीन स्वामी कृष्णानन्द एवं ब्रह्मलीन गुरूमाता सुशीला देवी को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इस अवसर पर मुख्य यजमान ओमकार कसाना,रमेश मिड्डा,विशाल खुराना,योगेंद्र पाल,सतीश अग्गी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त उपस्थित रहे।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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