हरिद्वार। थाना बहादराबाद क्षेत्र के गांव में विवाहिता को दहेज के लिए जहर देकर जान से मारने के मामले में प्रथम अपर जिला जज संजीव कुमार ने आरोपी पति और ससुर को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने पिता और पुत्र को 10 10 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सुकर्म पाल सिंह अटानिया के अनुसार 11 नवंबर 2011 को बहादराबाद क्षेत्र के गांव मूलदास पुर माजरा में एक विवाहित की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई थी, स्थानीय रिश्तेदार की सूचना पर मृतक महिला के पिता शीशपाल व अन्य लोग पुत्री की ससुराल पहुंचे थे। सहारनपुर उत्तर प्रदेश के गांव संबलपुर निवादा निवासी शिकायतकर्ता शीशपाल सिंह ने पुलिस को बताया था कि उसके बहनोई ने उसे सूचना दी थी कि उसकी पुत्री को ससुरालियों ने जहर देकर मार दिया है। आरोप लगाया था कि 5वर्ष पूर्व शिकायतकर्ता ने अपनी पुत्री की शादी आरोपी नरेश कुमार पुत्र पृथ्वी सिंह के साथ हिंदू रीति रिवाज से की थी, लेकिन शादी में दिए गए दान दहेज से पति नरेश कुमार ससुर पृथ्वी सिंह सास श्यामू देवी व देवर अरविंद खुश नहीं थे। उनकी पुत्री को दहेज के लिए लगातार प्रताड़ित करते आ रहे थे। शिकायतकर्ता ने शादी के बाद भी कई बार पुत्री के ससुराल जनों को पैसे दिए थे। पीड़ित ने आरोप लगाया था कि दहेज की खातिर आरोपियों ने उसकी पुत्री की जहर देकर हत्या कर दी। शीशपाल सिंह ने दामाद नरेश कुमार और उसके पिता पृथ्वी सिंह पर दहेज की मांग पूरी नहीं होने पर उसकी पुत्री को जहर देकर हत्या करने का केस दर्ज कराया था। पुलिस ने मामले में जांच करने के बाद सभी हत्या आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल किया था। इससे पूर्व पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था सरकारी अधिवक्ता ने साक्षी में 11 गवाह पेश किए जबकि बचाव पक्ष की ओर से 3 गवाह पेश किए गए।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
Comments
Post a Comment