हरिद्वार। क्षेत्र में धर्मांतरण को लेकर हंगामे के बाद कनखल पुलिस ने एक व्यक्ति की शिकायत पर रुपए का लालच देकर धर्मांतरण कराने के आरोप में एक महिला सहित तीन लोगों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। कनखल थाना क्षेत्र के राजा गार्डन में एक घर में धर्मांतरण कराने का आरोप लगाकर भाजपा और बजरंग दल के नेताओं ने बीती शाम हंगामा किया था। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने 2 लोगों को हिरासत में लिया था। घर के स्वामी ने पुलिस को जानकारी दी थी कि उसके घर में प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया था। इधर भाजपा और बजरंग दल के नेता कनखल थाने में देर शाम तक डटे रहे थे। देर रात सचिन सैनी पुत्र हरि सिंह निवासी गंगदासपुर फेरूपुर पथरी ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि 2 दिन पूर्व उसकी मुलाकात समाज कल्याण विभाग रोशनाबाद में दिनेश निवासी राजा गार्डन जगजीतपुर से हुई थी। उसने दिनेश से अपनी पारिवारिक समस्या के संबंध में बात साझा की थी, जिसके बाद दिनेश ने बताया कि रविवार को उसके घर पर सत्संग होता है। उस सत्संग में भाग लेने पर उनकी समस्याएं दूर हो जाएगी। आरोप है जब वह रविवार को दिनेश के घर पहुंचा तब उसे जैबिस्टन,स्टेला और बिन्नी कुमार नाम के व्यक्ति मिले आरोप है कि उन्होंने उसे एक-दो लाख रोजगार शुरू करने के लिए देने का प्रलोभन देते हुए धर्म परिवर्तन करने की बात कही। आरोप यह भी है कि स्टेला ने चार पांच क्रॉस चिन्ह देकर परिवार के सदस्यों की गले में डाल देने की बात कही। लेकिन जब उसने धर्म परिवर्तन से इनकार किया तब उन्होंने रुपए देने से इनकार कर दिया। कनखल थाना अध्यक्ष नरेश राठौर के अनुसार एक महिला सहित तीन लोगों के खिलाफ धर्मांतरण के संबंध में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। फिलहाल हिरासत में लिए गए लोगों से पुलिस द्वारा पूछताछ की जा रही है।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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