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बंसत पंचमी के मौके पर श्रद्वालुओं ने लगाई गंगा में डुबकी,

 कई स्थानों पर ज्ञान की देवी माॅ सरस्वती की आराधना पूजा सम्पन्न

हरिद्वार। बसंत पंचमी के मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्वालुओं ने हर की पैड़ी सहित विभिन्न गंगा घाटों पर गंगा स्नान कर मन्दिरों में विशेष पूजा अर्चना की। गंगास्नान को लेकर हरिद्वार में भारी भीड़ देखने को मिल रही है। गुरूवार को ज्ञान और आराधना की देवी मां सरस्वती की आराधना करने के लिए लोग गंगा स्नान कर रहे हैं। हिंदू धर्म की मान्यता है आकर आप इस दिन की शुरुआत गंगा स्नान से करते हैं तो आपको ब्रह्म ज्ञान की प्राप्ति होती है। हरिद्वार से सटे राज्यों के अलावा स्थानीय लोग इस शुभ दिन की शुरुआत गंगा स्नान से करते हैं इसके बाद मां सरस्वती की पूजा अर्चना करते हैं। मां सरस्वती ज्ञान की देवी के साथ-साथ संगीत की देवी भी है जिसको लेकर आज लोग संगीत का अभ्यास भी करते हैं जिससे उनके सुरों में मां सरस्वती का वास हो सके। बसंत पंचमी और 26 जनवरी के दिन स्नान को लेकर पुलिस द्वारा तमाम तैयारियां की जा चुकी है। भीड़ नियंत्रण,ट्रैफिक और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन दुरुस्त है। बसंत पंचमी के लिए पुलिस प्रशासन ने हरिद्वार के प्रसिद्ध मंदिर से लेकर तमाम घाटों पर अपनी नजर बनाए रखी है। मान्यता है इस दिन गंगा स्नान के साथ-साथ मां सरस्वती की पूजा अर्चना करने से ज्ञान सहित उज्जवल भविष्य का वरदान मिलता है। इस दिन अगर आप पीली वस्तुओं का दान करते हैं तो आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती है। वहीं भारी संख्या में हरिद्वार क्षेत्र में लोग पतंग उड़ाते हैं और इस दिन को भाईचारा के रूप में एक त्यौहार के रुप में मनाते हैं। बसंत पंचमी पर्व पर श्रद्धालु हरिद्वार के गंगा घाटों पर आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। इस दौरान धर्मनगरी हरिद्वार के सभी गंगा घाटों में श्रद्धालुओं की खासी भीड़ उमड़ी। बसंत पंचमी बदलाव का पर्व माना जाता है और इस पर्व से ही मौसम में बदलाव आना शुरू हो जाता है. साथ ही आज के दिन सच्चे मन से उपासना करने से मां सरस्वती की कृपा बनी रहती है.माना जाता है कि बसंत जीवन में नई उमंग लाता है,नया उल्लास लाता है और लोगों के जीवन को बदलने का संकल्प लेकर आता है। जिससे हमारे जीवन से निराशावादी सोच में बदलाव आता है। बसंत पंचमी के अवसर पर मां गायत्री, मां सरस्वती की पूजा की जाती है. बसंत पंचमी पर्व पर स्वयं सिद्ध मुहूर्त है और अक्षय तृतीया के सामान ही मुहर्त है.ऐसा माना जाता है कि इस पर्व पर मंत्रों के उच्चारण के साथ गंगा स्नान करने से नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है गंगा स्नान कर पीले बस्त्र धारण करने से मां सरस्वती और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। बसंत पंचमी खासकर रचनात्मक कार्य करने वालों के लिए काफी पुण्यकारी है। विधि-विधान से पूजा करने से हर मनोरथ पूरे होते हैं.बसंत पंचमी पर्व पर गंगा स्नान करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचे हैं।

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