हरिद्वार। लघु व्यापार एसोसिएशन का 20वां स्थापना दिवस प्रांतीय अध्यक्ष संजय चोपड़ा के संयोजन में धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर प्रथम स्मार्ट वेंडिंग जोन में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। विचार गोष्ठी के दौरान लघु व्यापारियों ने फेरी नीति नियमावाली के अनुसार पूरे प्रदेश के लघूु व्यापारियों को वेंडिंग जोन में व्यवस्थित व स्थापित कराने का संकल्प लिया। विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए लघु व्यापार एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष संजय चोपड़ा ने कहा 20 वर्ष पूर्व 19 जनवरी 2003 को नगर कोतवाली के सामने शहीद पार्क में गठित लघु व्यापार एसोसिएशन के संघर्ष की बदौलत लघु व्यापारियों को सामाजिक सुरक्षा के साथ शहरी समृद्धि से जोड़ा जा रहा है। लघु व्यापारियों को उनका अधिकार तथा सामाजिक सुरक्षा दिलाने के लिए उनका संघर्ष जारी रहेगा। विचार गोष्ठी की अध्यक्षता जयसिंह बिष्ट व संचालन मनोज मंडल ने किया। इस दौरान जय भगवान सिंह, रणवीर सिंह, मोहनलाल,नंदकिशोर गोस्वामी,कमल पंडित,कुंदन कश्यप,विकास सक्सेना,भूपेन्द्र राजपूत, प्रदुमन सिंह, वीरेंद्र,प्रभात चैधरी,कामिनी मिश्रा,सुमित्रा देवी,आशा कश्यप, सुमन गुप्ता, संगीता, प्रभादेवी, सुनीता कोरी आदि ने भी विचार व्यक्त किए।
हरिद्वार। लघु व्यापार एसोसिएशन का 20वां स्थापना दिवस प्रांतीय अध्यक्ष संजय चोपड़ा के संयोजन में धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर प्रथम स्मार्ट वेंडिंग जोन में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। विचार गोष्ठी के दौरान लघु व्यापारियों ने फेरी नीति नियमावाली के अनुसार पूरे प्रदेश के लघूु व्यापारियों को वेंडिंग जोन में व्यवस्थित व स्थापित कराने का संकल्प लिया। विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए लघु व्यापार एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष संजय चोपड़ा ने कहा 20 वर्ष पूर्व 19 जनवरी 2003 को नगर कोतवाली के सामने शहीद पार्क में गठित लघु व्यापार एसोसिएशन के संघर्ष की बदौलत लघु व्यापारियों को सामाजिक सुरक्षा के साथ शहरी समृद्धि से जोड़ा जा रहा है। लघु व्यापारियों को उनका अधिकार तथा सामाजिक सुरक्षा दिलाने के लिए उनका संघर्ष जारी रहेगा। विचार गोष्ठी की अध्यक्षता जयसिंह बिष्ट व संचालन मनोज मंडल ने किया। इस दौरान जय भगवान सिंह, रणवीर सिंह, मोहनलाल,नंदकिशोर गोस्वामी,कमल पंडित,कुंदन कश्यप,विकास सक्सेना,भूपेन्द्र राजपूत, प्रदुमन सिंह, वीरेंद्र,प्रभात चैधरी,कामिनी मिश्रा,सुमित्रा देवी,आशा कश्यप, सुमन गुप्ता, संगीता, प्रभादेवी, सुनीता कोरी आदि ने भी विचार व्यक्त किए।
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