हरिद्वार। ब्रह्मलीन पूज्य स्वामी योगानंद जी महाराज का षोडशी भंडारा श्री केशव आश्रम निकट अलकनंदा घाट हरिद्वार मैं आयोजित किया गया। इस अवसर पर जूना अखाड़े के पूर्व सचिव श्री महंत देवानंद गिरि ने कहां पूज्य ब्रह्मलीन योगानंद जी महाराज ज्ञान का एक विशाल सूर्य थे जिनके ज्ञान रूपी सरोवर में स्नान करने के बाद भक्तजन अपने जीवन को धन्य और कृतार्थ करते थे। इस अवसर पर बोलते हुए परम पूज्य श्री चिदधानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा स्वामी योगानंद जी महाराज ने विश्व को शांति एकता और अखंडता का संदेश दिया वह बड़े ही वंदनीय परम प्रतापी तपस्वी संत थे। उनके पोडसी भंडारे के अवसर पर हम सब उन्हें अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं। इस अवसर पर श्रीमहंत देवानंद गिरि जी महाराज राकेश गिरी जी, दिगंबर उमेश भारती जी, दिगंबर आशुतोष पुरी जी, दिगंबर विनोद गिरि जी ,दिगंबर गंगापुरी जी, दिगंबर अमित गिरी जी, श्रीमहंत महेश पुरी जी, स्वामी पूर्णानंद गिरी जी, श्री महंत सुरेशानंद सरस्वती जी महाराज, थानापति सत्येंद्र गिरी जी महाराज, स्वामी अमृत पुरी जी महाराज, स्वामी पूर्णानंद गिरि जी महाराज, राजेंद्र गनेरीवाला, महंत नरेश गिरि, महंत राकेश गिरी, महंत विनोद गिरी जी, राय गिरी जी महाराज सहित अनेकों संत महंत तथा भक्तजन उपस्थित थे। सभी ने ब्रह्मलीन पूज्य स्वामी योगानंद जी महाराज को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। वंदनीय ब्रह्मलीन श्री योगानंद जी महाराज,चिन्मयानंद जी सरस्वती उर्फ गीता देवी जी के शिष्य थे। उनके गुरु भाई जोकि परम पूज्य श्री चिदधानंद सरस्वती उर्फ श्री सुभाष चंद गोयल जी ने अपने गुरु भाई योगानंद जी महाराज का समष्टि भंडारा आयोजित किया। चिदधानंद सरस्वती चिन्मयानंद सरस्वती जी के परम शिष्य तथा उत्तराधिकारी हैं। उन्होंने अपने गुरु भाई पूज्य ब्रह्मलीन स्वामी योगानंद जी महाराज का समष्टि भंडार श्री केशव आश्रम में आयोजित किया।
हरिद्वार। ब्रह्मलीन पूज्य स्वामी योगानंद जी महाराज का षोडशी भंडारा श्री केशव आश्रम निकट अलकनंदा घाट हरिद्वार मैं आयोजित किया गया। इस अवसर पर जूना अखाड़े के पूर्व सचिव श्री महंत देवानंद गिरि ने कहां पूज्य ब्रह्मलीन योगानंद जी महाराज ज्ञान का एक विशाल सूर्य थे जिनके ज्ञान रूपी सरोवर में स्नान करने के बाद भक्तजन अपने जीवन को धन्य और कृतार्थ करते थे। इस अवसर पर बोलते हुए परम पूज्य श्री चिदधानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा स्वामी योगानंद जी महाराज ने विश्व को शांति एकता और अखंडता का संदेश दिया वह बड़े ही वंदनीय परम प्रतापी तपस्वी संत थे। उनके पोडसी भंडारे के अवसर पर हम सब उन्हें अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं। इस अवसर पर श्रीमहंत देवानंद गिरि जी महाराज राकेश गिरी जी, दिगंबर उमेश भारती जी, दिगंबर आशुतोष पुरी जी, दिगंबर विनोद गिरि जी ,दिगंबर गंगापुरी जी, दिगंबर अमित गिरी जी, श्रीमहंत महेश पुरी जी, स्वामी पूर्णानंद गिरी जी, श्री महंत सुरेशानंद सरस्वती जी महाराज, थानापति सत्येंद्र गिरी जी महाराज, स्वामी अमृत पुरी जी महाराज, स्वामी पूर्णानंद गिरि जी महाराज, राजेंद्र गनेरीवाला, महंत नरेश गिरि, महंत राकेश गिरी, महंत विनोद गिरी जी, राय गिरी जी महाराज सहित अनेकों संत महंत तथा भक्तजन उपस्थित थे। सभी ने ब्रह्मलीन पूज्य स्वामी योगानंद जी महाराज को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। वंदनीय ब्रह्मलीन श्री योगानंद जी महाराज,चिन्मयानंद जी सरस्वती उर्फ गीता देवी जी के शिष्य थे। उनके गुरु भाई जोकि परम पूज्य श्री चिदधानंद सरस्वती उर्फ श्री सुभाष चंद गोयल जी ने अपने गुरु भाई योगानंद जी महाराज का समष्टि भंडारा आयोजित किया। चिदधानंद सरस्वती चिन्मयानंद सरस्वती जी के परम शिष्य तथा उत्तराधिकारी हैं। उन्होंने अपने गुरु भाई पूज्य ब्रह्मलीन स्वामी योगानंद जी महाराज का समष्टि भंडार श्री केशव आश्रम में आयोजित किया।
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