हरिद्वार। भूपतवाला स्थित निराला धाम की परमाध्यक्ष राजमाता आशा भारती महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन संत निराला स्वामी लहरी बाबा दिव्य महापुरूष थे। उनके द्वारा स्थापित निराला धाम शिव साधना का प्रमुख केंद्र है। निराला धाम में शिवोपसना करने वालों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। निराला धाम में आयोजित 40 दिवसीय विराट शिव शक्ति महायज्ञ के समापन पर आयोजित संत सम्मेलन के दौरान श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए राजमाता आशा भारती महाराज ने कहा कि हरिद्वार में गंगा तट पर किए जाने वाले धार्मिक अनुष्ठानों का सहस्त्र गुणा पुण्य फल प्राप्त होता है। ब्रह्मलीन निराला स्वामी लहरी बाबा द्वारा 34 वर्ष पूर्व शुरू किए गए विराट शिव शक्ति महायज्ञ को प्रतिवर्ष अनवरत् रूप से आयोजित किया जा रहा है। महायज्ञ में किए जाने वाले विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों में सम्मिलित होने से भगवान शिव की कृपा और ब्रह्मलीन स्वामी कृष्णानन्द महाराज, ब्रह्मलीन गुरूमाता सुशीला देवी एवं ब्रह्मलीन स्वामी लहरी बाबा का आशीर्वाद भक्तों को प्राप्त होता है। महामण्डलेश्वर स्वामी अनंतानंद महाराज एवं स्वामी चिदविलासानंद महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन निराला स्वामी त्याग और तपस्या की साक्षात की प्रतिमूर्ति थे। ब्रह्मलीन स्वामी लहरी बाबा ने सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार के साथ राष्ट्र की एकता अखण्डता कायम करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। पूर्व पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी एवं स्वामी हरिहरानन्द ने कहा कि ब्रह्मलीन निराला स्वामी महान संत थे। उनकी तपस्थली नागेश्वर गद्दी पर श्रद्धा भक्ति के साथ पूजा अर्चना करने वालों की सभी मनोकानाएं पूर्ण होती हैं। राजमाता आशा भारती महाराज के शिष्य नित्यानन्द ने सभी संत महापुरूषों का स्वाागत किया। कार्यक्रम में सतपाल ब्रह्मचारी,स्वामी ऋषि रामकृष्ण,महंत मोहन सिंह,स्वामी शिवानन्द,मुख्य यजमान ओंकार कसाना, रमेश मिड्डा,विशाल खुराना,योगेंद्र पाल चानना, सतीश अग्गी सहित हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, यूपी आदि से आए सैकड़ों श्रद्धालु शामिल रहे।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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