हरिद्वार। निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामण्डलेश्वर एवं श्री दक्षिण काली पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने सभी को मकर संक्रांति पर्व की बधाई देते हुए कहा कि मकर संक्रांति भारतीय सस्ंकृति का बड़ा पर्व है। मकर संक्रांति को सूर्य उत्तरायण होते हैं। इस दिन स्नान, दान, जप, तप, चिंतन, स्वाध्याय का बेहद महत्व है। मकर संक्राति पर गंगा स्नान कर सूर्य को अर्ध्य देने से प्रतिकूल ग्रह अनुकुल हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति और सूर्य के उत्तरायण होने के महत्व को इससे भी समझा जा सकता है कि महाभारत काल में बाणों की शैय्या पर पड़े भीष्म पितामह ने प्राण त्यागने के लिए सूर्य के उत्तरायण होने तक इंतजार किया और सूर्य के उत्तरायण होने पर ही प्राण त्यागे। उन्होंने कहा कि इस दिन गंगा स्नान कर दान पुण्य करने से सहस्त्र गुणा पुण्य फल की प्राप्ति होती है। कष्टों का निवारण होता है। परिवारों में सुख समृद्धि का वास होता है। जोशीमठ आपदा पर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि जोशीमठ में जमीन धंसने के कारण आयी आपदा चिंताजनक है। मुख्यमंत्री पुष्करसिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार आपदा प्रभावितों की मदद के लिए सभी संभव कदम उठा रही है। जोशीमठ वासी किसी बात की चिंता ना करें। पूरा देश और प्रदेश तथा समस्त सनातनी उनके साथ है। जोशीमठ आपदा को लेकर किसी भी तरह की राजनीति ना की जाए। सभी को मिलकर प्रभावितों की मदद के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने बताया कि स्थानीय प्रशासन के माध्यम से प्रभावितों को मदद भेजी गयी है।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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