हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने जोशीमठ में जमीन धंसने की घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए लोगों से संयम से काम लेने और सावधनी बरतने की अपील की है। श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं और प्रभावितों के पुनर्वास व राहत के लिए कदम उठा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्र का स्वय निरीक्षण कर अधिकारियों को उचित निर्देश भी दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मुख्यमंत्री से पल पल की अपडेट ले रहे हैं। सरकार बचाव व राहत के लिए पर्याप्त कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को जमीन धंसने के वास्तविक कारणों का पता लगाकर उचित कदम उठाने चाहिए। साथ ही क्षेत्र में चल रहे सभी बड़े प्रोजेक्ट पर फिलहाल रोक लगा देनी चाहिए। उन्होंने जोशीमठ के लोगों से घैर्य बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि सरकार प्रभावितों की मदद के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है। लोगों को स्वयं भी सावधनी बरतनी चाहिए और सरकार द्वारा की जा रही व्यवस्था के तहत सुरक्षित स्थानों पर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि धामी सरकार लोगों की मदद के लिए पूरी तत्परता से काम कर रही है। केंद्र व राज्य के अधिकारी तथा विशेषज्ञ घटना की जांच के कारणों का पता लगाने में जुटे हुए हैं। भगवान बद्रीनाथ की कृपा से जल्द से जल्द समस्या का समाधान होगा। श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि भगवान बद्रीनाथ का रास्ता जोशीमठ होकर ही जाता है। लाखों श्रद्धालुओं की आस्था को ध्यान में रखते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार जोशीमठ की घटनापर नजर गड़ाए हुए हैं। किसी भी व्यक्ति नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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