हरिद्वार। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल द्वारा बी.ए.एल-एल.बी.(पांच वर्षिय इंटिग्रेटिड कोर्स) के अंतिम वर्ष का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया गया है। जिसमें पंडित पूर्णानंद तिवारी लॉ कालेज ज्वालापुर की छात्रा सबिया ने 70.4फीसदी अंक प्राप्त कर कॉलेज टॉप किया है। तनवी रस्तोगी 69 फीसदी व रिया चौहान 69 फीसदी ने द्वितीय स्थान, कामिनी एवं तोष कुमार राणा 67 फीसदी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है। कालेज के प्राचार्य अशोक कुमार तिवारी व प्रबंधक कमल शर्मा, निर्देशक शिवम शर्मा ने सभी छात्र छात्राओं को शुभकामनाएं दी एवं सभी के उज्जवल भविष्य की कामना की। कालेज के प्राचार्य अशोक कुमार तिवारी ने बताया कि कॉलेज का परीक्षा परिणाम शत-प्रतिशत रहा है। अशोक तिवारी ने छात्र छात्राओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कालेज के कई छात्र छात्राएं अधिवक्ता के रूप में पीड़ितों को न्याय दिलाने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने विधि क्षेत्र तमाम चुनौतियों से भरा हुआ क्षेत्र है। निरंतर अध्ययन इस क्षेत्र में सफलता की पहली शर्त है। कालेज से निकलने के बाद अधिवक्ता के रूप में कार्य करने के दौरान भी निरंतर अध्यययन की आवश्यकता है। उच्चतम न्यायालय, विभिन्न उच्च न्यायालयों द्वारा जारी किए जाने वाले आदेशों का गंभीरता से अध्ययन करें। साथ ही विधि संबंधी विभिन्न पुस्तकों का भी समय समय पर अध्ययन कर स्वयं को अपडेट करते रहें।
हरिद्वार। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल द्वारा बी.ए.एल-एल.बी.(पांच वर्षिय इंटिग्रेटिड कोर्स) के अंतिम वर्ष का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया गया है। जिसमें पंडित पूर्णानंद तिवारी लॉ कालेज ज्वालापुर की छात्रा सबिया ने 70.4फीसदी अंक प्राप्त कर कॉलेज टॉप किया है। तनवी रस्तोगी 69 फीसदी व रिया चौहान 69 फीसदी ने द्वितीय स्थान, कामिनी एवं तोष कुमार राणा 67 फीसदी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है। कालेज के प्राचार्य अशोक कुमार तिवारी व प्रबंधक कमल शर्मा, निर्देशक शिवम शर्मा ने सभी छात्र छात्राओं को शुभकामनाएं दी एवं सभी के उज्जवल भविष्य की कामना की। कालेज के प्राचार्य अशोक कुमार तिवारी ने बताया कि कॉलेज का परीक्षा परिणाम शत-प्रतिशत रहा है। अशोक तिवारी ने छात्र छात्राओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कालेज के कई छात्र छात्राएं अधिवक्ता के रूप में पीड़ितों को न्याय दिलाने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने विधि क्षेत्र तमाम चुनौतियों से भरा हुआ क्षेत्र है। निरंतर अध्ययन इस क्षेत्र में सफलता की पहली शर्त है। कालेज से निकलने के बाद अधिवक्ता के रूप में कार्य करने के दौरान भी निरंतर अध्यययन की आवश्यकता है। उच्चतम न्यायालय, विभिन्न उच्च न्यायालयों द्वारा जारी किए जाने वाले आदेशों का गंभीरता से अध्ययन करें। साथ ही विधि संबंधी विभिन्न पुस्तकों का भी समय समय पर अध्ययन कर स्वयं को अपडेट करते रहें।
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