घंटों की मशक्कत के बाद पुलिस बच्चा चोरी प्रकरण की सच्चाई लायी सामने,बच्चा परिजन को सौंपा
हरिद्वार। कोतवाली ज्वालापुर क्षेत्र में मंगलवार शाम करीब को सराय गाँव से एक सात साल के बच्चे की अज्ञात लोगों द्वारा अपहरण करने की सूचना पर दौड़ी पुलिस टीम ने लगातार भागादौड़ी के पश्चात आखिरकार प्रकरण की सच्चाई को जनता के सामने लाने में कामयाबी हासिल की। सीसीटीवी फुटिज में दो अपाचे बाइक सवार युवक बीच में बच्चे को घर के बाहर से उठाकर ले जाते दिखायी दिए जिनके साथ दो महिलाएँ भी दिखायी दी। अपाचे के अलावा अपहरणकर्ता सफेद रंग की स्कोर्पीओ का भी प्रयोग कर रहे थे जिसका रेजिस्ट्रेशन नम्बर पुलिस ने अन्य ब्ब्ज्ट कैमरों से हासिल कर कंट्रोल रूम को सूचना फ्लैश कर दी। रुड़की की तरफ जाती दिखी स्कार्पियो की तलाश के लिए विभिन्न स्थानों पर की गई चैकिंग आखिरकार काम आई। भारी चैकिंग के चलते दबाव में आकर एक महिला उक्त बच्चे को लेकर भगवानपुर स्थित चौकी मंडावर पहुंची। महिला ने स्वयं को बच्चे की मां बताते हुए जानकारी दी कि बच्चे के पिता अब्दुल कादिर व उसका (तरन्नुम पुत्री इरफान निवासी चोली भगवानपुर) निकाह 8 साल पहले हुआ था। 03 साल से पति पत्नी आपसी मनमुटाव के कारण अलग रह थे। तरन्नुम ने बच्चे की सुपुर्दगी के लिए परिवार न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था किन्तु मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन था। अपने बच्चे से दूर न रह पाने के कारण मजबूरन तरन्नुम ने अपने मायके वालों के साथ मिलकर बच्चे को ससुराल स्थित घर के बाहर से उठा लिया। कुछ मामलों में पुलिस की संवेदनशीलता ही पीड़ित को न्याय दिला सकती है। महिलाओं ओर बच्चों की सुरक्षा के लिए संवेदनशील वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने सीओ ज्वालापुर निहारीका सेमवाल को फोन के माध्यम से इस मामले के मानवीय हल के निर्देश दिए। जिस आधार पर बुधवार को प्रभारी निरीक्षक ज्वालापुर द्वारा दोनो पक्षों की थाने पर पंचायत बुलाकर दोनो पक्षों को गौर से सुना ओर बच्चे के भविष्य के लिए दोनो को एक साथ रहने के लिए प्रेरित करते हुए दोनों पतिपत्नी को अलग कमरे में बात करने का अवसर दिया। आखिरकार दोनो ने भावूक होकर अपनी-अपनी गलती स्वीकार करते हुए भविष्य में एक साथ रहने का निर्णय लिया। एक महीने बाद तरन्नुम विधिवत बच्चे के साथ ससुराल वापस आ जाएगी और इसके बाद दोनो के आपसी व्यवहार का मूल्यांकन ओर काउन्सलिंग ज्वालापुर थाने की महिला हेल्प डेस्क प्रति सप्ताह उनके घर जाकर करेगी। विधिक कार्यवाही के बजाए मानवीय संवेदनाओं को वरीयता देते हुए बिछड़े जोडे और परेशान हो रहे बच्चे के लिए सर्वोत्तम मार्ग खोजने पर परिजनों ने हरिद्वार पुलिस का आभार प्रकट किया। थाने पर उपस्थित सभी लोगों ने भी पुलिस की इस मानवीय पहल की अत्यंत प्रशंसा की।
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