हरिद्वार। निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामण्डलेश्वर एवं श्री दक्षिण काली पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने जोशीमठ के आपदा प्रभावितों की सहायता के लिए किए जा रहे सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि जोशीमठ में घरों में दरार आने की सूचनाएं सामने आने के तुरंत बाद से ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकारी अमले के साथ प्रभावितों को मदद पहुंचाने के प्रयासों में जुटे हुए हैं। आपदा प्रभावितों को पीपलकोटी में बसाए जाने के लिए भूमि का चयन कर लिया गया है। जहां लोगों को मकान बनाकर दिए जाएंगे। प्रभावित परिवारों को सरकार की और से आर्थिक सहायता भी दी जा रही है। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि सरकार के प्रयासों में संत समाज भी सहयोग को तत्पर है। समस्त अखाड़ों, आश्रमों की और से सरकार के माध्यम से प्रभावितों को राहत पहुंचाने का काम किया जा रहा है। स्वामी राधे राधे महाराज ने कहा कि संत समाज ने आपदा की स्थिति आने पर हमेशा ही सरकार व प्रभावितों का सहयोग किया है। जोशीमठ आपदा में भी संत समाज पीड़ितों की मदद में सहयोग कर रहा है। आपदा प्रभावितों की कुशलता के लिए संत समाज द्वारा निरंतर अनुष्ठान भी किए जा रहे हैं। इस अवसर पर स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी, महंत लालबाबा, समाजसेवी रजनी रावत, पंडित पवनदत्त शर्मा आदि मौजूद रहे।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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