हरिद्वार। मकर संक्रांति स्नान पर्व के मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी सहित विभिन्न गंगा घाटों पर डुबकी लगाते हुए विशेष पूजा अर्चना कर दान पूण्य किये। शनिवार को सुबह के समय ठंड के बावजूद बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हर की पेडी सहित विभिन्न गंगा घाटों पर गंगा में डुबकी लगाकर मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की। हालांकि इस बार मकर संक्रांति 2 दिनों तक मनाया जा रहा है। बताया जाता है कि शनिवार को शाम 6ः00 बजे तक संक्रांति रहेगी। ज्योतिष पंडित मनोज त्रिपाठी के अनुसार जब भगवान सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं तब मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व माना गया है। मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान और दान का विशेष महत्त्व होता है। स्नान के बाद श्रद्धालु खिचड़ी,तिल, गर्म कंबल आदि का दान करते हैं। इसके साथ ही भगवान सूर्य की आराधना भी मकर संक्रांति को की जाती है। वही मेला क्षेत्र को वही मकर संक्रांति स्नान पर पर पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे पुलिस की ओर से पूरे क्षेत्र को 7 जून और सेक्टरों में विभाजित कर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है हालांकि रविवार को भी जारी रहेगा।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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