हरिद्वार। मकर संक्रान्ति के दूसरे दिन भी बडी संख्या में श्रद्वालुओं ने हर की पैड़ी सहित गंगा के विभिन्न घाटों पर गंगा में डुबकी लगाकर मन्दिरों में विशेष पूजा अर्चना कर दान पूण्य किए। मान्यता है कि आज से ही सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण भी हो रहे है। इस अवसर को काफी खास माना जाता है। रविवार को हरिद्वार में भीषण ठंड होने के बाद भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान करने को पहुचे। श्रद्वालुओं की तादाद मकर संक्रांति और रविवार होने के अच्छी खासी रही है। मकर संक्रान्ति के मौके माँ गंगा में स्नान करने के लिए देश भर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार आये है, माना जाता है कि आज के दिन गंगा स्नान करने और तिल व खिचङी आदि का दान करने से असीम पुण्यफल की प्राप्ति होती है,बड़ी संख्या में श्रद्धालुयों के आने के चलते पुलिस प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओ की सुरक्षा के लिए खास प्रबंध किए गए। इस बार मकर सक्रांति का स्नान हरिद्वार में 2 दिन मनाया जा रहा है जहां कल हरिद्वार में तीन लाख से अधिक लोगों ने मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाई वहीं आज शाम 6ः09 तक मकर सक्रांति का स्नान का शुभ मुहूर्त है। मकर संक्रान्ति स्नान पर पुण्य कमाने के लिए आज दूर दूर से लोग गंगा स्नान करने आये है। भीषण ठंङ के बाद भी श्रद्धालुओं के उत्साह और श्रद्धा आस्था में कोई कमी नजर नही आ रही है। श्रद्धालुओं में गंगा में स्नान कर मोक्ष पाने और पुण्य कमाने की प्रबल इच्छा दिखाई दे रही गए और इसी उद्देश्य से पुण्य कमाने और सुख समृद्धि के लिए ही हरिद्वार में आस्था की डुबकी लगाई जा रही है ,श्रद्धालु मानते है कि गंगा स्नान करने और दान करने से उनको पुण्य मिलता गए ,कष्ट और पापो से मुक्ति मिलती है। वही अपना मकर संक्रांति के स्नान पर स्नान स्नान करने आए श्रद्धालुओं का कहना है कि वह हर साल मकर संक्रांति के स्नान पर हरिद्वार में स्नान करने आते हैं। आपको बता दें कि मकर सक्रांति के दिन गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व माना गया है। पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के दृष्टिगत कावड़ मेले की तर्ज पर मकर सक्रांति के स्नान को देखते हुए व्यवस्था की है जिसमें 7 जोन और 17 सेक्टरों में पूरे हरिद्वार को बांटा गया है स्नान पर्व को सकुशल संपन्न कराने के लिए जोनल और सेक्टर मजिस्ट्रेट के साथ बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। इस दौरान बीडीएस, डॉग स्क्वायड के साथ सीसीटीवी कैमरे से भी निगरानी रखी जा रही है।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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