हरिद्वार। नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने तथा उसके साथ दुष्कर्म करने व पोक्सो एक्ट के मामले में एडीजे/एफटीएससी न्यायाधीश कुमारी कुसुम शानी की कोर्ट ने आरोपी युवक को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने आरोपी युवक को 20 वर्ष की कठोर कैद व 83000 के अर्थदंड की सजा सुनाई है। कोर्ट ने आरोपी युवक पर जुर्माना की राशि जमा नहीं कराने पर 6 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतने के भी आदेश दिए हैं। शासकीय अधिवक्ता भूपेंद्र कुमार चैहान के अनुसार 26 अक्टूबर 2019 को खानपुर क्षेत्र के एक गांव में से एक नाबालिग अचानक लड़की लापता हो गई थी। शाम पांच बजे जब उसके परिजन काम से लौटे तो परिजनों को 14 वर्षीय पीड़िता घर पर नहीं मिली थी। परिजनों के काफी तलाश के बाद भी पीड़िता का जब कोई पता नहीं चल पाया था तो परिजनों ने पुलिस को जानकारी दी थी। पीड़िता के परिजनों ने घटना के 15 दिन बाद खानपुर थाने में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ अपनी पुत्री की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। इसी दौरान मोबाइल की लोकेशन ट्रेस होने पर स्थानीय पुलिस ने आरोपी को कोतवाली फतेहाबाद हरियाणा से पीड़ित लड़की के साथ गिरफ्तार कर लिया था। पीड़ित लड़की ने अपने परिजनों और पुलिस को सारी आपबीती बताई थी। पीड़िता ने बताया था कि आरोपी उसे जिला फतेहाबाद हरियाणा ले गया था, जहां आरोपी ने उसके साथ शादी कर शारीरिक संबंध बनाए,जिससे वह गर्भवती हो गई थी। मामले की विवेचना के बाद विवेचक ने आरोपी अजय पुत्र सीताराम निवासी ग्राम दल्लावाला थाना खानपुर के खिलाफ धारा 363,366ं,376/2 376 आईपीसी मुकदमा दर्ज कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। इस मामले में शासकीय अधिवक्ता ने सरकार की ओर से 7 गवाह पेश किए थे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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