हरिद्वार। व्यवहार की श्रेष्ठता मे प्रेरणा का स्थान विशेष है। प्रेरणा ही निर्माण को गति एवं बल प्रदान करती है। जीवन मे उपलब्धियों को पाने के लिए व्यक्ति को प्रेरक एवं प्रेरणा दोनो की जरूरत होती है। यह विचार गुरूकुल कांगडी सम विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डा.शिवकुमार चाौहान ने काॅलेज टीचर एसोशियसन आॅफ फिजिकल एजूकेशन, कोल्हपुर के तत्वावधान मे आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के शुभारम्भ अवसर पर बतौर आमंत्रित वक्ता के रूप मे व्यक्त किये। प्रेरणा से निर्माण की संकल्पना-2023 विषय पर आयोजित कार्यशाला के उदघाटन सत्र को सम्बोधित करते हुये डा.शिवकुमार चैहान ने कहा कि प्रेरणा एक मनो-शारीरिक तथा आन्तरिक प्रक्रिया है। जो श्रेष्ठ कार्य तथा उपलब्धि पर परोक्ष असर डालती है। शोध के माध्यम से यह ज्ञात हुआ है कि प्रेरणा व्यक्ति के व्यवहार को उददेश्य पूर्ति के लिए लेकर चलती है तथा सफलता के सभी प्रयास एवं अवसर प्रदान करती है। डा.शिवकुमार चाौहान ने कहा कि एक सफल व्यक्ति बनने के लिए व्यवहार मे प्रेरणा का होना अनिवार्य है। वर्चुअल माध्यम से डा.शिवकुमार चाौहान ने प्रेरणा को निर्माण की जननी बताया। कार्यशाला मे सम्बद्व काॅलेजों के शारीरिक शिक्षक, कोच एवं छात्र-छात्रायें आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारम्भ एसोशियेसन के अध्यक्ष प्रो.राजीव वत्स ने दीप-प्रज्ज्वलित करके किया। दो दिवसीय कार्यशाला मे वक्ताओं ने प्रेरणा, अभिवृत्ति, व्यक्तित्व तथा संवेदनाओं पर विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन डा.रविन्द्र सिंह ने किया। इस अवसर पर डा. नामदेव सिंह, डा.राजेन्द्र सिंह, डा.दीपाली, डा.श्वेता सिंह, डा.नीरज पाठक आदि उपस्थित रहे। कैप्टन राजीव शर्मा ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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