हरिद्वार। श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के आचार्य महामण्डलेश्वर एवं श्री दक्षिण काली पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि जगजीतपुर में स्थापित किया जा रहा गुरूकुल सनातन धर्म संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन में मील का पत्थर सबित होगा। गुरूकुल के विद्यार्थी धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार के साथ अलग-अलग क्षेत्रों में कार्य करते हुए देश के विकास में योगदान देंगे। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने बताया कि 1 मार्च से 30 अप्रैल तक विद्यार्थी गुरूकुल में प्रवेश ले सकेंगे। गुरूकुल के विद्यार्थियों को वैदिक शिक्षा के साथ अंग्रेजी विषय की शिक्षा भी दी जाएगी। गुरूकुल की सभी व्यवस्था विद्यार्थी ही संभालेंगे। विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ आवास, भोजन, वस्त्र आदि की सुविधा निःशुल्क दी जाएगी। हरिद्वार में गुरूकुल शुरू करने के बाद अन्य राज्यों में भी इसकी शाखाएं खोली जाएंगी। गुरूकुल से निकलने वाले कुछ विद्यार्थी गृहस्थ जीवन में प्रवेश करेंगे तो कुछ सन्यास धारण कर सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में योगदान करेंगे। जबकि कुछ विद्यार्थी केंद्र व राज्य सरकार की सेवाओं में रहकर देश व प्रदेश के विकास में योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि गुरूकुल की स्थापना से वैदिक संस्कृति व पंरपरांएं मजबूत होंगी। सभी को इसमें सहयोग करना चाहिए। इस अवसर पर गुरूकुल के प्रबंधक आशुतोष, स्वप्ना,रामसिंह,स्वामी अवंतिकानंद ने बताया गुरूकुल स्थापना की सभी तैयारी कर ली गयी हैं। एक मार्च से प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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