हरिद्वार। कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के कोठारी महंत जसविंदर सिंह शास्त्री एवं श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल की एकड़ शाखा के महंत अमनदीप सिंह ने अखाड़े की एकड़ शाखा के सेवादार व कर्मचारियों के बीच हुए विवाद को गलत तरीके से प्रचारित करने पर कड़ा एतराज जताते हुए इसे अखाड़े को बदनाम करने की सुनियोजित साजिश करार दिया है। कोठारी महंत जसविंदर सिंह शास्त्री ने कहा सेवादार और कर्मचारियों के बीच आपसी विवाद और मनमुटाव को अखाड़े का विवाद कहना अखाड़े की छवि को धूमिल और बदनाम करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि बीते दिनों अखाड़े की एकड़ शाखा में अखाड़े के कर्मचारियों व सेवादारों की बीच मामूली बात को लेकर विवाद हो गया था। जिसे उन्होंने और एकड़ शाखा के महंत अमनदीप सिंह ने सभी पक्षों को समझा बुझाकर कर शांत कर दिया था। लेकिन लंबे समय से अखाड़े की संपत्ति को खुर्दबुर्द करने की कोशिश कर रहे कुछ असामाजिक तत्व इसे गलत तरीके से प्रचारित कर रहे हैं। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अखाड़े के संतों में किसी तरह का कोई विवाद नहीं है। सभी मिलजुल कर धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में योगदान कर रहे हैं। एकड़ शाखा के महंत अमनदीप सिंह ने कहा कि जगतार सिंह अखाड़े के सचिव नहीं है। अखाड़े के सचिव महंत देवेंद्र सिंह शास्त्री हैं, जो पूर्व में अखाड़ा परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष भी रहे हैं। लेकिन असामाजिक तत्व अखाड़े को बदनाम करने की नीयत से जगतार सिंह को सचिव बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि अखाड़े में हुए मामूली विवाद को गलत तरीके से प्रचारित करना भी साजिश का हिस्सा है। महंत अमनदीप सिंह ने कहा कि बीते वर्ष नवंबर में भी असामाजिक तत्वों ने अखाड़े में हथियारों के बल पर अवैध रूप से घुसकर कब्जा करने की कोशिश की थी। जिसे पुलिस प्रशासन एवं संत समाज के सहयोग से नाकाम कर दिया गया था। इस मामले में भी इनके ऊपर संगीन धाराओं में मुकदमे भी कायम हुए है। अखाड़े को बदनाम रहे लोग बाहरी और अवांछित असामाजिक तत्व हंै। जिनका संत समाज और निर्मल संप्रदाय से कोई वास्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि अखाड़े के खिलाफ साजिश कर रहे असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। अखाड़े के सचिव देवेंद्र शास्त्री ने कहा कि अखाड़े के खिलाफ की जा रही साजिशों को देखते हुए सरकार को अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज एवं कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज को सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए। अखाड़े की और से इस संबंध में पूर्व में भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और डीजीपी से मांग की जा चुकी है।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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