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ऋषि बोधोंत्सव पर्व पर निकाली भव्य शोभायात्रा

 


हरिद्वार। महर्षि दयानन्द की 200वी जयन्ती पर दो वर्ष तक आर्य समाज एवं भारत सरकार के संस्कृति मन्त्रालय के तत्वावधान में कार्यक्रमों करने की घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विगत 12फरवरी को की। इसी श्रृंखला के तहत गुरुकुल कांगड़ी विद्यालय में महर्षि दयानन्द जयन्ती एवं ऋषि बोधोंत्सव पर्व के उपलक्ष्य में चित्राकला प्रतियोगिता का तीन वर्गों-प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्चत्तर माध्यमिक वर्गों में आयोजन किया गया। प्रतियोगिता के संयोजक डा॰ योगेश शास्त्री ने बताया कि प्रतियोगिता के प्रथम राऊण्ड में लगभग 70 तथा फाईनल राऊण्ड में लगभग 50 प्रतिभागियों ने भाग लेकर ऋषि दयानन्द के जीवन चरित्र को अपनी प्रतिभा से चित्रों में अत्यन्त रोचक ढंग से प्रस्तुत किया। प्रतियोगिता के निर्णायक अशोक कुमार आर्य, अमर सिंह,वेदपाल सिंह एवं धर्म सिंह रहें। सभी वर्गों में प्रथम, द्वितीय एवं त्तीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को गुरुकुल के मुख्याधिष्ठाता डा॰ दीनानाथ शर्मा ने सम्मानित किया। इस अवसर पर ऋषि दयानन्द के विषय में बोलते हुए गुरुकुल के मुख्याधिष्ठाता डा॰ दीनानाथ शर्मां ने ऋषि को स्वतन्त्रता का अग्रदूत बताया। उन्होनें कहा कि निर्भीक दयानन्द ने ही सती-प्रथा, विधवा उद्धार छुआछूत आदि कुरीतियों से समाज को बचाया था। उन्होनें कहा कि गुरुकुल में अगले दो वर्षों तक ऋषि दयानन्द सम्बन्धी कार्यक्रम चलते रहेगें। पुरस्कारों की व्यवस्था इंजी॰ शशांक सिंह पुत्र डा॰ ब्रजेश कुमार विद्यालंकार द्वारा की गई। प्राथमिक वर्ग में छात्रा ईशान ने प्रथम, प्रीतम मण्डल ने द्वितीय, अभिरूप ने तृतीय स्थान एवं सात्वंना पुरस्कार आदित्य व हैप्पी ने प्राप्त किया। माध्यमिक वर्ग में आदित्य सैनी ने प्रथम, कार्तिक ने द्वितीय, मनीष ने तृतीय स्थान एवं सात्वंना पुरस्कार तनिष्क व अंश शर्मा ने प्राप्त किया। उच्चतर माध्यमिक वर्ग में मोक्ष अहलावत ने प्रथम,तुषार ने द्वितीय, अविरल ने तृतीय स्थान एवं सात्वंना पुरस्कार गौरव व आयुष भाई पटेल ने प्राप्त किया। 17 फरवरी को गुरुकुल कांगड़ी विद्यालय में महर्षि दयानन्द जयन्ती एवं ऋषि बोधेत्सव के पर्व पर गुरुकुल कांगड़ी विद्यालय परिसर में शोभायात्रा का आयोजन किया गया। शोभायात्रा में गुरुकुल परिवार के सभी प्राध्यापकगण, शिक्षकेत्तर कर्मचारगण एवं ब्रह्मचारी छात्रों ने ओम ध्वज लेकर परिक्रमा तय किया। परिसर ऋषि दयानन्द के जयकारों से वैदिक गर्जना पाकर देवतुल्य लग रहा था। आगे-आगे ओम ध्वज, गुरुकुल का बैण्ड एवं ऋषि दयानन्द को नमन करने वाले बैनर कार्यक्रम की शोभा को विस्तारित कर रहे थे। शोभायात्रा गुरुकुल परिसर,आयुर्वेद कालेज मार्ग,विश्वविद्यालय भवन, अमन चैक,सीनेट हाल,बड़ा परिवार एवं छोटा परिवार होती हुई पुनःगुरुकुल कांगड़ी विद्यालय,में आकर सभा के रूप में परिवर्तित हो गई। प्रधानाचार्य डा॰ विजेन्द्र शास्त्री ने कहा कि देश प्रेम का पाठ पढाने वाला, सत्य ईश्वर को बताने वाला तथा मानवता का देवता ऋषि दयानन्द ही था। कार्यक्रम में गुरुकुल के छात्रों ने हिन्दी, संस्कृत एवं अंग्रेजी माध्यम से भाषण तथा गीतों द्वारा ऋषि को नमन कर स्मरण किया। कार्यक्रम के सह संयोजक वेदपाल सिंह एवं डा॰ ब्रजेश कुमार ने कार्यक्रम की रूपरेखा और व्यवस्था में सहयोग किया। लोकेश शास्त्री पी.टी.आई. ने भी भजन प्रस्तुत किये। कार्यक्रम का संचालन डा॰ योगेश शास्त्री एवं अशोक कुमार आर्य ने संयुक्त रूप से किया।


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