हरिद्वार। बृहष्पतिवार को आयोजित किए जा रहे नेशनल फ्रंट आॅफ इंडियन ट्रेड यूनियन के प्रांतीय अधिवेशन की तैयारियों को लेकर भेल सेक्टर तीन स्थित हैवी इलेक्ट्रिकल्स वर्कर्स ट्रेड यूनियन के कार्यालय पर बैठक आयोजित की गयी। यूनियन के अध्यक्ष रामयश सिंह ने बताया कि भेल सेक्टर वन स्थित सामुदायिक केंद्र में आयोजित किए जा रहे अधिवेशन की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं। अधिवेशन में एनएफआईटीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रमिक नेता डा.दीपक जायसवाल मुख्य अतिथी होंगे। यूनियन के संरक्षक सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं एलजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एके वाजपेयी, दिल्ली संविदा कल्याण बोर्ड के सदस्य सुनील रेसवाल भी अधिवेशन में सम्मिलित होंगे। रामयश सिंह ने बताया कि अधिवेशन में उत्तराखंड में श्रमिकों के हितों के लिए महासंघ द्वारा किए जा रहे के कार्यो, राष्ट्रीय स्तर पर श्रमिको को आने वाली समस्याओं एवं उनके निरस्कारण, श्रमिको के सम्बंध में चल रही राष्ट्रीय एवम प्रदेश स्तरीय योजनाओं के विषय पर चर्चा होगी। बैठक में यूनियन के महामंत्री विकास सिंह, कार्यवाहक अध्यक्ष रवि कश्यप,जगत सिंह रावत, अमित गोगना, राकेश मालवीय, अर्जुन सिंह, बलवीर रावत,अरविंद मावी,मोहित शर्मा, नवीन, हरिहर प्रसाद, यशवंत, अशोक सिंह, अजीतपाल, चंद्रमोहन, इंदरजीत भंडारी, कामता प्रसाद, जेपी शाह, सुमित, विजय, इस्तकार, पहलाद, रविन्द्र गिल आदि शामिल रहे।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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