पूरी दुनिया में आयुर्वेद की स्वीकार्यकता बढ़ी-डा.सुनील जोशी
हरिद्वार। आयुष मंत्रालय के दिशा निर्देशों पर ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में सत्र 2022-23 प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राओं हेतु मोटिवेशनल व्याख्यान आयोजित किया गया। आयुष मंत्रालय के एनसीआइएसएम की गाइडलाइन के अनुसार ट्रांजिशनल क्योरिकलेम फार बीएएमएस स्टूडेंट्स के लिये ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के मालवीय भवन ऑडिटोरियम में कार्यक्रम में उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.डा.सुनील कुमार जोशी ने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि छात्र जीवन में प्राप्त ज्ञान को कोई छीन सकता। सभी अनुशासित एवं समयबद्ध तरीकों से आयुर्वेद की शिक्षा ग्रहण कर अपने अभिभावकों, संस्था, प्रदेश और देश का नाम पूरे विश्व में रोशन करें। डा.सुनील जोशी ने कहा कि पूरी दुनिया में आयुर्वेद की स्वीकार्यकता बढ़ी है। कोरोना काल के दौरान आयुष मंत्रालय द्वारा जारी विशेष गाईडलाइन को भारत ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व ने माना है। जिससे हम सब इस वैश्विक महामारी से सुरक्षित रहने के लिये रोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ा पाये। डा.सुनील जोशी ने कहा कि आयुर्वेद भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति है। उच्च स्तरीय शिक्षा प्राप्त कर छात्रों को विशेषज्ञ के रूप में जनसमाज की सेवा करने का अवसर प्राप्त होगा। ऋषिकुल परिसर निदेशक प्रो.डा.दिनेशचन्द्र सिंह ने कहा कि कार्यक्रम के अन्तर्गत सम्बन्धित विषय के शिक्षक तो आपको सम्पूर्ण शिक्षण अवधि में पढायेंगे ही अन्य संकाय के सदस्यों के व्याख्यान से भी छात्र-छात्राओं को विशेष ऊर्जा मिलेगी। कार्यक्रम के मुख्य संयोजक प्रो.डा.नरेश चौधरी ने कहा कि मोटिवेशनल कार्यक्रम से छात्रों की आयुर्वेद के प्रति नकारात्मक सोच समाप्त होगी और सकारात्मक सोच तथा विशेष ऊर्जा का संचार होगा। शल्य विभागाध्यक्ष प्रो.डा.अजय कुमार गुप्ता, दून मेडिकल कालेज के असिस्टेंट प्रो.डा.पियूष वर्मा ने कहा कि एलौपैथ एवं आयुर्वेद पद्धति से एक साथ मिलकर चिकित्सा सेवा की जाये तो वह दिन दूर नहीं जब हम सभी जनमानस को स्वस्थ रखने में अपनी अपनी सक्रिय सहभागिता कर सकेगें। दून मेडिकल कालेज से डा.राजेश ने भी छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि नई पीढ़ी ही देश की भावी कर्णधार है।
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