देहरादून। हिंदी पत्रकारिता दिवस पर पत्रकारों को सम्मानित करने के लिए गठित राज्यस्तरीय ‘‘स्व. रामप्रसाद बहुगुणा स्मृति पुरस्कार चयन समिति’’के सदस्य साहित्यकार त्रिलोक चन्द्र भट्ट ने समिति की बैठक बुलाकर प्राप्त आवेदनों में से यथाशीघ्र पात्र पत्रकारों का चयन करवाने की मांग की है। उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव जो राज्यस्तरीय इस पुरस्कार चयन समिति के अध्यक्ष भी हैं को भेजे पत्र में समिति के सदस्य श्री भट्ट ने कहा है कि उत्तराखण्ड शासन द्वारा गत वर्ष 01 जून, 2022 के कार्यालय ज्ञाप द्वारा स्व.रामप्रसाद बहुगुणा जी की स्मृति में 30 मई को पत्रकारिता दिवस के अवसर पर विभिन्न श्रेणियों के पत्रकारों को राज्यस्तरीय पत्रकारिता पुरस्कार प्रदान करने लिए‘‘स्व.रामप्रसाद बहुगुणा स्मृति पुरस्कार चयन समिति’’ में तीन गैर सरकारी सदस्य नामित किये थे। लेकिन अभी तक समिति की एक भी बैठक नहीं हुई है। श्री भट्ट ने कहा है कि हिंदी पत्रकारिता दिवस में करीब दो महीने का ही अल्प समय शेष है। अतः यथाशीघ्र समिति की बैठक बुलाकर प्राप्त आवेदनों में से पात्र पत्रकारों का चयन करवाया जाना चाहिये। गौरतलब है कि पुरस्कार योजना में हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर 30 मई को मुख्यमंत्री द्वारा राज्य के एक वरिष्ठ पत्रकार, एक प्रौढ़ पत्रकार और एक युवा पत्रकार को प्रतीक चिन्ह सहित क्रमशः 2 लाख 51 हजार,1 लाख 51 हजार, और 1 लाख 25 हजार रूपये का के नकद पुरस्कार से सम्मानित किये जाने का प्रावधान किया गया है। इससे पूर्व यह राशि मात्र 51 हजार रूपये थी। जबकि पत्रकारिता पुरस्कार उत्तराखण्ड राज्य स्थापना के बाद अब तक केवल एक ही बार प्रदान किये गये हैं।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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