हरिद्वार। श्री राधा रसिक बिहारी भागवत परिवार सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में रामनगर कालोनी स्थित हनुमान मंदिर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के चतुर्थ दिवस पर भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने बताया कि भक्ति के मार्ग पर चलकर ही व्यक्ति उच्च पद प्राप्त कर सकता है। शास्त्री ने बताया कि महाराज उत्तानपाद की सुनीति और सुरूचि नाम की दो रानियां थी। सुरुचि के बालक का नाम उत्तम तो सुनीति के बालक का नाम धु्रव था। जब धु्रव पांच साल के थे तो सौतेली माता सुरूचि ने उन्हें पिता महाराज उत्तानपाद की गोद में बैठने से रोक दिया और कटु शब्दों में कहा कि यदि पिता की गोद में बैठना है तो तपस्या करके भगवान से वरदान प्राप्त करो कि तुम्हारा जन्म मेरे गर्भ से हो, इसके बाद ही तुम पिता की गोद में बैठने के अधिकारी बनोगे। सौतेली मां के कटु वचनों को सुनकर के पांच वर्ष का बालक ध्रुव घर छोड़कर वन में चल गया। देव ऋषि नारद से गुरु मंत्र प्राप्त कर कठोर तपस्या करते हुए भगवान के दर्शन और आशीर्वाद प्राप्त कर राज सिंहासन पर राज करने के बाद धु्रव लोक को प्राप्त कर धु्रव तारे के रूप में अपना नाम रोशन किया। शास्त्री ने श्रद्धालुओं को प्रहलाद चरित्र,गजेंद्र मोक्ष एवं श्रीकृष्ण जन्म की कथा का श्रवण भी कराया। मुख्य यजमान दीप्ति कुमार, प्रिया अरोड़ा,शीतल मलिक,विनीता सीकोरिया,सोनिया अरोड़ा,रश्मि गोस्वामी, नमन गोस्वामी,किरण शर्मा,शिमला उपाध्याय,सोनिया गुप्ता,किशोर गुप्ता,पार्षद रेणु अरोड़ा,चिराग अरोड़ा,आशीष शर्मा,पंडित गणेश कोठारी, पंडित मोहन जोशी आदि ने भागवत किया और कथा व्यास से आशीर्वाद लिया।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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