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वरिष्ठ नागरिक एवं युवाओं के बीच वैचारिक आदान-प्रदान होना जरूरी

वरिष्ठ नागरिकों के साथ दुव्यवहार को लेकर कार्यशाला का आयोजन


 हरिद्वार। भारत में वरिष्ठ नागरिकों के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं परंतु उनके प्रकट ना करने एवं सहन कर लेने के कारण उनका पता नहीं चल पा रहा है इसीलिए वरिष्ठ नागरिकों के लिए लिए ठोस कानून बनाने में परेशानी हो रही है। यह बात सामाजिक न्याय मंत्रालय से सम्बद्ध राष्ट्रीय स्तर की संस्था अनुग्रह रीजनल रिसोर्सेज ट्रेनिंग सेंटर आन एजिंग की चेयरपर्सन डॉ आभा चौधरी ने एक दिवसीय कार्यशाला के समापन पर कहीं। शिवालिक नगर रानीपुर स्थित एक होटल में माता पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण पोषण एवं कल्याण अधिनियम 2007 पर एक दिवसीय कार्यशाला अनुग्रह संस्था एवं वरिष्ठ नागरिक कल्याण एवं सेवा समिति हरिद्वार के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित की गई। जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित अनुग्रह संस्था की अध्यक्ष डॉ आभा चौधरी ने कहा की वरिष्ठ नागरिकों के प्रति दुर्व्यवहार की घटनाएं लगातार बढ़ रही है लेकिन उनके सहन लेने के कारण इन पर नियंत्रण किया जाना कठिन हो रहा है उन्होंने कहा वरिष्ठ नागरिक एवं युवाओं के बीच वैचारिक आदान-प्रदान होना जरूरी है। जिससे कि उनके बच्चे भी उनके लिए कार्य कर सकें। उन्होंने कहा वरिष्ठ नागरिकों को वित्तीय जिम्मेदारी अपने पास रखनी चाहिए ताकि वह अपने स्वास्थ्य एवं अन्य दैनिक उपभोग की वस्तुएं आदि से वंचित ना रहे। उन्होंने कहा विदेशों की अपेक्षा भारत में अभी वरिष्ठ नागरिकों की समस्याएं कम है। लेकिन हमें चौकन्ना रहना पड़ेगा ताकि हमारे देश में वरिष्ठ नागरिक सुरक्षित रहें। कार्यशाला में वरिष्ठ अधिवक्ता एवं जिला बार संघ संघ के पूर्व अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने वरिष्ठ नागरिकों को बताया कि उनके लिए ट्रिब्यूनल की स्थापना की गई है जिसके पीठासीन अधिकारी हरिद्वार में उप जिलाधिकारी हैं। जिन्हें वरिष्ठ नागरिकों की जमीन संबंधी एवं बच्चों द्वारा भरण पोषण आदि समस्याओं को सुनकर निर्णय देने का अधिकार दिया गया है। उन्होंने बताया कि समाज कल्याण अधिकारी के कार्यालय से वरिष्ठ नागरिक अपने परिचय पत्र बनवा सकते हैं। जिन का उपयोग वरिष्ठ नागरिक होने का लाभ प्राप्त करने में उपयोग कर सकते हैं। इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता उत्तम सिंह चौहान ने वरिष्ठ नागरिकों को उनके अधिकारों के बारे में बताते हुए कहा कि दंड प्रक्रिया की संहिता के धारा 125 के तहत वरिष्ठ नागरिक अपने पुत्र या पुत्री-दामाद आदि से भरण पोषण पाने के हकदार हैं। भेल के पूर्व एजीएम एवं संस्था के संरक्षक के पी सिंह ने वरिष्ठ नागरिकों को वर्ष 2007 में लागू अधिनियम के बारे में विस्तार से बताया। वर्कशॉप की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ नागरिक कल्याण एवं सेवा समिति के अध्यक्ष ब्रज प्रकाश गुप्ता ने कहां  कि वरिष्ठ नागरिकों की समस्याओं के समाधान के लिए वे हमेशा तत्पर रहें और रहेंगे। कार्यक्रम में अतिथि के रूप में शासकीय अधिवक्ता कुशलपाल सिंह चौहान तथा संस्था के कोषाध्यक्ष आरके गुप्ता व पदाधिकारी गण एवं काफी संख्या में वरिष्ठ नागरिक उपस्थित रहे। एक दिवसीय कार्यशाला का संचालन समिति के सचिव महासचिव एल एस रावत ने किया। उन्होंने योग के माध्यम से स्वस्थ रहने के गुर भी इस अवसर पर वरिष्ठ नागरिकों को सिखाएं।


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