हरिद्वार।देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में कुलाधिपति डॉ.प्रणव पण्ड्या ने कहा कि मनोयोगपूर्वक की गयी सात्विक साधना में इतनी शक्ति होती है कि साधक को परब्रह्म की प्राप्ति हो सकती है। कुलाधिपति डॉ.पण्ड्या देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में आयोजित नवरात्र साधना सत्संग शृंखला के सातवें दिन देश विदेश से आये गायत्री साधकों एवं देसंविवि के युवाओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मनु, सतरूपा, स्वामी रामकृष्ण परमहंस आदि ने कठोर तप, साधना से विशेष शक्तियाँ प्राप्त की थी। परमात्म से मिलन का उपाय साधना, उपासना को बतलाया गया है। किन्तु यह उपाय भी तभी सफल होते हैं जब इनमें भी अटूट श्रद्धा, समर्पण हो। यह श्रद्धा, भक्ति, आस्था, विश्वास आदि किसी रूप में भी हो सकता है। श्रद्धा से रहित कोई भी साधना सफल नहीं हो सकती। प्रेम की व्याकुलता ही परमात्मा से मिलाने में समर्थ है। इससे पूर्व ‘मेरे घटवासी राम....’सुमधुर गीत से संगीत विभाग ने साधकों के मन को भावविभोर कर दिया।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
Comments
Post a Comment