हरिद्वार। निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि समस्त जगत का कल्याण करने वाली देवी दुर्गा की आराधना कभी निष्फल नहीं जाती है। नवरात्रों में नौ दिनों तक की जाने वाली आराधना व पूजन से प्रसन्न होकर देवी अपने भक्तों के सभी मनोरथ पूरे करने के साथ उन्हें अभय प्रदान करती है। श्री दक्षिण काली मंदिर में श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि नवरात्र देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करने का सबसे उत्तम अवसर हैं। श्रद्धालु भक्तों को इस अवसर का लाभ उठाते हुए पूरे विधि विधान से व्रत रखकर भक्ति भाव के साथ मां की आराधना करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि श्री दक्षिण काली मंदिर में साक्षात रूप से विराजमान देवी भगवती की पूजा अर्चना करने से श्रद्धालुओं को मां दक्षिण काली के साथ बाबा कामराज का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। नवरात्रों में की गयी मां भगवती की आराधना अमोघ फल प्रदान करती है। जिससे भक्त के कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। इस अवसर पर स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी, स्वामी कृष्णानंद ब्रह्मचारी, आचार्य पवनदत्त मिश्र, प्रमोद पांडे, लाला बाबा, मुख्य पुजारी स्वामी विवेकानंद, गगन त्यागी, सुधीर पांडे सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।
हरिद्वार। निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि समस्त जगत का कल्याण करने वाली देवी दुर्गा की आराधना कभी निष्फल नहीं जाती है। नवरात्रों में नौ दिनों तक की जाने वाली आराधना व पूजन से प्रसन्न होकर देवी अपने भक्तों के सभी मनोरथ पूरे करने के साथ उन्हें अभय प्रदान करती है। श्री दक्षिण काली मंदिर में श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि नवरात्र देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करने का सबसे उत्तम अवसर हैं। श्रद्धालु भक्तों को इस अवसर का लाभ उठाते हुए पूरे विधि विधान से व्रत रखकर भक्ति भाव के साथ मां की आराधना करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि श्री दक्षिण काली मंदिर में साक्षात रूप से विराजमान देवी भगवती की पूजा अर्चना करने से श्रद्धालुओं को मां दक्षिण काली के साथ बाबा कामराज का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। नवरात्रों में की गयी मां भगवती की आराधना अमोघ फल प्रदान करती है। जिससे भक्त के कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। इस अवसर पर स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी, स्वामी कृष्णानंद ब्रह्मचारी, आचार्य पवनदत्त मिश्र, प्रमोद पांडे, लाला बाबा, मुख्य पुजारी स्वामी विवेकानंद, गगन त्यागी, सुधीर पांडे सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।
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