हरिद्वार। पूर्वांचल उत्थान संस्था के अध्यक्ष सीए आशुतोष पांडेय की पुत्री अन्वी पांडेय ने कक्षा 1से 3 वर्ग की अंतरराष्ट्रीय हिंदी ओलंपियाड परीक्षा में शानदार प्रदर्शन कर सबको अचंभित कर दिया है। अन्वी ने गोल्ड मेडल हासिल कर रिकार्ड कायम किया है। अन्वी पांडेय की सफलता पर माता नीलम राय और पिता सीए आशुतोष पांडेय की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। वहीं अन्वी पांडेय की सफलता पर पूर्वांचल उत्थान संस्था के सदस्यों अन्वी पांडेय के साथ उनके माता पिता को शुभकामनाएं दी है। बताते चलें कि सीए आशुतोष पांडेय की 7 वर्षीय पुत्री अन्वी पांडेय डीपीएस रानीपुर में कक्षा 2 की छात्रा है। उसने कक्षा 1से 3 वर्ग के बच्चों को बीच गोल्ड मेडल हासिल कर कीर्तीमान स्थापित किया है। अन्वी पांडेय की सफलता से उत्साहित सीए आशुतोष पांडेय ने सभी लोगों से बच्चों को संस्कारित शिक्षा देने पर जोर देने का निवेदन किया है। उन्होंने कहा सनातन संस्कृति में संस्कारों का विशेष महत्व है। जन्म से लेकर मृत्यु तक 16 संस्कारों को निभाने की परंपरा चली आ रही है। इसमें विद्यारंभ संस्कार का महत्व पूर्ण स्थान है। विद्यारंभ संस्कार बच्चों के विकास की नीव है। मजबूत नीव से ही बच्चों के सुनहरे भविष्य का निर्माण होता है। इसलिए सभी लोगों बच्चों को संस्कारित शिक्षा पर जोर देना चाहिए। सीए आशुतोष पांडेय ने कहा कि उन्होंने स्वयं भी भी पूर्वांचल उत्थान संस्था के सरस्वती पूजन समारोह के दौरान अन्वी पांडेय का विद्यारंभ संस्कार संपन्न कराया था। आज मां सरस्वती की कृपा से अन्वी पांडेय ने अंतर्राष्ट्रीय हिंदी ओलिंपियाड प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल प्राप्त कर अपने स्कूल के साथ अपने माता-पिता और समाज का भी नाम रोशन किया है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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