हरिद्वार। विश्व क्षय रोग दिवस पर इलेक्ट्रोहोम्योपैथी मेडिकल एसोसिएशन के तत्वावधान में ज्वालापुर स्थित बालाजी इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिकल साइंस एंड कैंसर रिसर्च सेंटर में जन जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि एएफसीआई चम्बा की ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट कॉर्डिनेटर व पर्सनल हाइजिन एंड फूड न्यूट्रीशन की लैक्चरार एवं इएमए की प्रदेश प्रवक्ता डा.जैतून बोर्डे ने कहा कि पोष्टिक व संतुलित आहार लेने तथा व्यक्तिगत स्वच्छता रखने से टीबी रोग नहीं होता है। टीबी से बचाव के लिए संतुलित आहार लें और स्वच्छता रखें। संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए इएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा.केपीएस चौहान ने कहा कि जब तक शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता कायम रहती है। तब तक कोई भी संक्रामक रोग नही होता है। इसलिए अपने दैनिक भोजन में पोषक तत्वों का विशेष ध्यान रखें। डा.चौहान ने कहा कि देश को टीबी मुक्त बनाने हेतु इएमए इंडिया भी प्रयासरत है। संगोष्ठी में इंस्टीट्यूट की प्राचार्या एवं औषधी विभागाध्यक्ष डा.विजय लक्ष्मी अलखानिया ने कहा कि इलेक्ट्रोहोम्यापैथी टीबी सबसे कारगर उपाय है। उन्होंने बताया कि इंस्टीट्यूट की और से टीबी रोगियों को मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी। संगोष्ठी में डा.ऋचा आर्य,डा.एमटी अंसारी, हिना कुशवाहा, शमां परवीन, मंजुला होलकर, लक्ष्मी कुशवाहा,शिवांकी कल्याण, साहिल कश्यप, विनीत सहगल ने भी विचार व्यक्त किए।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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