Skip to main content

सपने देखे और उन्हें पूर्ण करने का प्रयास करें - विजेंदर सिंह

 आदर्श महिला महाविद्यालय में 20वीं वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता का शुभारम्भ


भिवानी।‘‘ये भिवानी की मिट्टी का कमाल है कि यहाँ से निकले खिलाडी चाहे वो लड़के हो लड़कियाँ, प्रदेश और देश का नाम राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर  पर रोशन कर रहे हैं। मुझे भिवानी का बेटा होने पर गर्व है। मेरी सफलता में माता-पिता और कोच के साथ भिवानी वासियों और विशेषकर अग्रवाल समाज का बहुत बड़ा सहयोग रहा है।‘‘ ये व्यक्तव्य विश्व विख्यात बॉक्सर और बीजिंग ओलंपिक्स में मेडलिस्ट विजेंदर सिंह ने दिए। बॉक्सर विजेंदर सिंह आदर्श महिला महाविद्यालय के 20वें वार्षिक खेल कूद महोत्सव में मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित हुए और छात्राओं का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि ‘‘छात्राओं को कड़ी मेहनत और सच्ची लगन से अपने सपनों को सच करने का हौंसला रखना चाहिए और हर मौके का भरपूर लाभ उठाना चाहिए‘‘। बॉक्सर विजेंदर सिंह ने अपनी सफलता का सफर सांझा करते हुए यह भी कहा कि हार जीत की भावना से उपर उठकर खेल खेलें। हारने पर निराश न होकर और अत्यधिक जोश के साथ अपने आप को निखारंे। छात्राओं का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि सफलता प्राप्ति के बाद अपनी मिट्टी के साथ जुड़ाव अवश्य बनाकर रखें। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए महासचिव अशोक बुवानीवाला ने कहा कि आदर्श कॉलेज की छात्राएं कई वर्षो से प्रदेश और देश का नाम राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रौशन करती रही है और इंटर यूनिवर्सिटी, जोनल और प्रदेश की हर खेल प्रतियोगिताओं में शीर्ष 10 खिलाडियों में अपना स्थान बनाती रही हैं। कॉलेज की छात्राओं ने हर क्षेत्र चाहे वो खेल हो या सांस्कृतिक कार्यक्रम में कॉलेज और प्रदेश का नाम गौरवान्वित किया है।रचना अरोडा,प्राचार्या महाविद्यालय ने सभी खिलाडियों का प्रोत्साहन बढ़ाते हुए कहा कि खेलों से छात्रों को अनुशासन, कड़ी मेहनत, नैतिकता और टीम वर्क जैसे कई सॉफ्ट स्किल्स सिखने का मौका मिलता है जो भविष्य में बेहतर प्रदर्शन करने में सहायक होते हैं। विशिष्ट अतिथि के तौर पर शिरकत करने वाली कॉलेज की प्रतिष्ठित एलुमनाई पैरा ओलम्पिक ताइक्वांडो चौम्पियन अरूणा तंवर ने खेल मशाल जलाकर कार्यक्रम का शुभांरभ किया। सभी अतिथि एवं गणमान्य व्यक्तियों को कैप्स व बैज भेंट किए। मार्च पास्ट कॉलेज फलैग होस्टिंग और खेल शपथ के साथ प्रतियोगिताएं शुरू हुई। इस अवसर पर कार्यक्रम में वनवासी कल्याण आश्रम के उपाध्यक्ष सतनारायण मित्तल, वैश्य महाविद्यालय ट्रस्ट के अध्यक्ष शिवरत्न गुप्ता,महाविद्यालय प्रबंधकारिणी समिति के उपाध्यक्ष कमलेश चौधरी, कोषाध्यक्ष प्रीतम अग्रवाल,पवन बुवानीवाला,पवन केड़िया अन्य राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महाविद्यालय का नाम रोशन करने वाली सभी छात्राएँ उपस्थित रहीं। वार्षिक खेल-कूद प्रतियोगिता का आयोजन महाविद्यालय प्राचार्या के दिशानिर्देशन में शारिरीक शिक्षा एवं खेलकूद विभाग की कोर्डिनेटर डॉ0 रेणू, विभागाध्यक्ष नेहा एवं शारीरिक शिक्षा व खेलकूद विभाग की समस्त प्राध्यापिकाओं,कोचों द्वारा किया गया। प्रतियोगिताओं में निर्णायकमंडल की भूमिका डॉ0 माया यादव, संजय कुमार,संदीप कुमार,पलक द्वारा निभाई गई। प्रतियोगिताओं का समापन दो स्तरों में हुआ। प्रातः कालीन सत्र में मंच संचालिका डॉ0 अपर्णा बत्रा व सायं कालिन सत्र में डॉ0 निशा शर्मा रहीं।


Comments

Popular posts from this blog

धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

 112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से  मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से  मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।

बी0ई0जी0 आर्मी तैराक दलों ने 127 कांवडियों,श्रद्धालुओं को गंगा में डूबने से बचाया

  हरिद्वार। जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय के निर्देशन, अपर जिलाधिकारी पी0एल0शाह के मुख्य संयोजन एवं नोडल अधिकारी डा0 नरेश चौधरी के संयोजन में कांवड़ मेले के दौरान बी0ई0जी0 आर्मी के तैराक दल अपनी मोटरबोटों एवं सभी संसाधनों के साथ कांवडियों की सुरक्षा के लिये गंगा के विभिन्न घाटों पर तैनात होकर मुस्तैदी से हर समय कांवड़ियों को डूबने से बचा रहे हैं। बी0ई0जी0 आर्मी तैराक दल द्वारा कांवड़ मेला अवधि के दौरान 127 शिवभक्त कांवडियों,श्रद्धालुओं को डूबने से बचाया गया। 17 वर्षीय अरूण निवासी जालंधर, 24 वर्षीय मोनू निवासी बागपत, 18 वर्षीय अमन निवासी नई दिल्ली, 20 वर्षीय रमन गिरी निवासी कुरूक्षेत्र, 22 वर्षीय श्याम निवासी सराहनपुर, 23 वर्षीय संतोष निवासी मुरादाबाद, 18 वर्षीय संदीप निवासी रोहतक आदि को विभिन्न घाटों से बी0ई0जी0 आर्मी तैराक दल द्वारा गंगा में डूबने से बचाया गया तथा साथ ही साथ प्राथमिक उपचार देकर उन सभी कांवडियों को चेतावनी दी गयी कि गंगा में सुरक्षित स्थानों में ही स्नान करें। कांवड़ मेला अवधि के दौरान बी0ई0जी0आर्मी तैराक दल एवं रेड क्रास स्वयंसेवकों द्वारा गंगा के पुलों एवं घाटों पर माइकिं

गुरु ज्ञान की गंगा में मन का मैल,जन्मों की चिंताएं और कर्त्तापन का बोध भूल जाता है - गुरुदेव नन्दकिशोर श्रीमाली

  हरिद्वार निखिल मंत्र विज्ञान एवं सिद्धाश्रम साधक परिवार की ओर से देवभूमि हरिद्वार के भूपतवाला स्थित स्वामी लक्ष्मी नारायण आश्रम में सौभाग्य कीर्ति गुरु पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन उल्लास पूर्वक संपन्न हुआ। इस पावन पर्व के अवसर पर स्वामी लक्ष्मी नारायण आश्रम और आसपास का इलाका जय गुरुदेव व हर हर महादेव के जयकारों से गुंजायमान रहा। परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद (डॉ नारायण दत्त श्रीमाली) एवं माता भगवती की दिव्य छत्रछाया में आयोजित इस महोत्सव को संबोधित करते हुए गुरुदेव नंदकिशोर श्रीमाली ने गुरु एवं शिष्य के संबंध की विस्तृत चर्चा करते हुए शिष्य को गुरु का ही प्रतिबिंब बताया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार स्वयं को देखने के लिए दर्पण के पास जाना पड़ता है,उसी प्रकार शिष्य को गुरु के पास जाना पड़ता है, जहां वह अपनी ही छवि देखता है। क्योंकि शिष्य गुरु का ही प्रतिबिंब है और गुरु भी हर शिष्य में अपना ही प्रतिबिंब देखते हैं। गुरु में ही शिष्य है और शिष्य में ही गुरु है। गुरु पूर्णिमा शिष्यों के लिए के लिए जन्मों से ढोते आ रहे कर्त्तापन की गठरी को गुरु चरणों में विसर्जित कर गुरु आलिंगन में बंधने का दिवस